चेन्नई: कथित नौकरी के बदले नकदी घोटाला केस में गिरफ्तार मंत्री सेंथिल बालाजी की पत्नी की और से मद्रास हाईकोर्ट में दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate- ED) ने विरोध जताया है. एजेंसी से मिली जानकारी के अनुसार याचिका पर मंगलवार को अदालत में सुनवाई हुई.आपको बता दें कि सेंथिल बालाजी 14 जून से ईडी की हिरासत में हैं.
सेंथिल की पत्नी मेगाला ने मद्रास हाईकोर्ट में हलफनाम दायर कर आरोप लगाया कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई के द्वारा उनके पति को फंसाने के लिए साजिश रची गई. खबरों के अनुसार ईडी की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत के समक्ष याचिका का विरोध करते हुए कहा कि बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है.
ईडी ने कोर्ट में कहा कि CrPC में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत गिरफ्तारी के आधार को लिखित में घटाया जा सके. आगे पीएमएलए कानून का जिक्र करते हुए कहा कि इसके धारा 19 में अथॉरिटी के पास अधिकार है कि वह व्यक्ति को शक के आधार पर गिरफ्तार कर सकती है और गिरफ्तारी की वजह के बारे में जल्द ही सूचित कर दिया जाएगा.
जानकारी के अनुसार एस मेगाला ने अपने पति सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी को लेकर सवाल उठाए हैं. आपको बता दें कि द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के कद्दावर नेता तथा राज्य सरकार के ऊर्जा मंत्री सेंथिल बालाजी को 14 जून को धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत ईडी के द्वारा गिरफ्तार किया गया था. ईडी की तरफ से बालाजी से लंबी पूछताछ की गई थी.
छाती में दर्द की शिकायत पर उन्हें चेन्नई के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. 15 जून को मद्रास हाईकोर्ट ने सेंथिल बालाजी को निजी अस्पताल में शिफ्ट कर दिया. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से साफ इनकार कर दिया.