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Delhi MCD polls-मनोनीत सदस्य नहीं कर सकेंगे मतदान, 24 घंटे में चुनाव की तारीख की घोषणा करने के आदेश

आप नेता शेली ओबेरॉय की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ साफ किया कि उपराज्यपाल द्वारा एमसीडी में नामित सदस्य महापौर का चुनाव करने के लिए मतदान में भाग नहीं ले सकते हैं और न ही मतदान कर सकते हैं.

Written by Nizam Kantaliya |Published : February 17, 2023 11:31 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम चुनावों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि मनोनीत सदस्य मेयर के चुनाव के लिए मतदान नहीं कर सकेंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को आदेश दिए है कि वह 24 घण्टे के भीतर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के महापौर के चुनाव के लिए तारीख की घोषणा करें.

नही कर सकते मतदान

आप नेता शेली ओबेरॉय की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ साफ किया कि उपराज्यपाल द्वारा एमसीडी में नामित सदस्य महापौर का चुनाव करने के लिए मतदान में भाग नहीं ले सकते हैं और न ही मतदान कर सकते हैं.

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पीठ ने अपने फैसले में कहा कि उपराज्यपाल अगले 24 घण्टे में चुनाव के लिए नोटिस जारी करेंगे. नोटिस के जरिए उस चुनाव की तारीख का ऐलान किया गया जिसमें महापौर, उप महापौर और स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव होगा.

एमसीडी की पहली बैठक में मेयर पद का चुनाव होगा, इस बैठक में मनोनीत सदस्यों को वोट देने का अधिकार नहीं होगा.महापौर चुने जाने के बाद बैठक में उप महापौर के चुनाव के लिए वह पीठासीन अधिकारी होगा.

सुप्रीम कोर्ट के अनुसार एल्डरमैन मतदान नहीं कर सकते.

याचिका में तर्क

गौरतलब है पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल, दिल्ली सरकार, पीठासीन अधिकारी और निगम कमिश्नर को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा था.

कोर्ट ने इन सभी को नोटिस जारी करते हुए 13 फरवरी तक जवाब पेश करने के आदेश दिए थे.

इस याचिका में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली मेयर चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट से 5 मांगो का अनुरोध किया था, जिसमें सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी के पद से हटाने, एक हफ्ते के अंदर एमसीडी का सदन बुलाने,  मेयर चुनाव पूरा होने तक कोई स्थगन न होने, बाकी के चुनाव मेयर की अध्यक्षता में होने और नामित पार्षदों को वोट देने का अधिकार न देने का अनुरोध किया था.

तीन बैठक, नहीं हुआ चुनाव

गौरतलब है कि दिल्ली नगर निगम के चुनाव के नतीजे 7 दिसंबर 2022 को जारी किए गए थे. चुनावों में आम आदमी पार्टी ने 250 वार्डों में से 134 वार्ड पर जीत दर्ज की थी।. दूसरी तरफ भाजपा भी 104 वार्ड जीतने में सफल रही.

चुनाव परिणाम के बाद मेयर के चुनाव के लिए पहली बार 6 जनवरी को सिविक सेंटर में बैठक आयोजित हुई. लेकिन पीठासीन अधिकारी द्वारा मनोनीत पार्षदों को पहले शपथ दिलाने से विवाद हो गया जिसके चलते मेयर का चुनाव नहीं हो पाया.

दूसरी बार 24 जनवरी को सिविक सेंटर में मेयर के चुनाव के लिए बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में पहले पार्षदों को शपथ दिलाई गई. लेकिन फिर से हंगामा होने पर पीठासीन अधिकारी ने सदन को स्थगित कर दिया और मेयर का चुनाव नहीं हो पाया.सोमवार को एमसीडी मेयर पद का चुनाव तीसरी बार आगे खिसक गया.

आम आदमी पार्टी ने मेयर पद के लिए शैली ओबेरॉय को अपना उम्मीदवार बनाया है वही बीजेपी ने रेखा गुप्ता अपना उम्मीदवार तय किया.  मेयर को चुनाव को आप की उम्मीद शैली ओबेरॉय ने नियमानुसार और तरीके से समय पर चुनाव कराने और मनोनीत सदस्यों को मतदान करने की अनुमति नहीं देने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की गई हैं.