हाल ही दिल्ली हाईकोर्ट ने ईदगाह कमेटी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि रानी लक्ष्मीबाई देश की हीरो हैं और इन्हें धर्म के आधार पर बांटना उचित नहीं है. दिल्ली के सदर बाजार इलाके के ईदगाह कमेटी ने पार्क में 'रानी लक्ष्मीबाई' की प्रतिमा लगाने से आपत्ति जताई थी. दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सिंगल-जज बेंच के फैसले को बरकरार रखते हुए ईदगाह कमेटी की याचिका खारिज की.
दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडला की डिवीजन बेंच ने सिंगल जज बेंच के फैसले को चुनौती दी थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने ईदगाह कमेटी के फैसले को चुनौती देनेवाली याचिका में सिंगल जज बेंच के फैसले के खिलाफ उपयोग किए गए भाषा से आपत्ति जताई है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई देश की हीरो हैं. वे सभी धर्मों की आदर्श है. इसे धर्मों के आधार पर बांटना उचित नहीं है.
दिल्ली हाईकोर्ट के सिंगल जज बेंच ने पहले ईदगाह कमेटी की याचिका पर सुनवाई की थी. सिंगल जज बेंच ने कमेटी की मांग खारिज करते हुए कहा था कि ईदगाह के चारदीवारी के अंदर का एरिया दिल्ली डेवलपमेंट ऑथोरिटी (DDA) का है, जिस आधार पर अदालत ने रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति लगाने का फैसला बरकरार रखा.
ईदगाह कमेटी ने ईदगाह पार्क में रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति लगाने के फैसले का विरोध करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कमेटी ने दावा किया कि ईदगाह पार्क वक्फ बोर्ड की संपत्ति है. अपने दावे को पुष्ट करने के लिए कमेटी ने 1970 के एक नोटिफिकेशन को अदालत के रिकार्ड पर रखते हुए कहा कि पार्क मुगल काल में बनाई गई थी, जहां नमाज पढ़ी जाती थी. इस आधार पर कमेटी ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति पर एतराज जाहिर की थी.