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गवाहों को प्रभावित करने की आशंका, दिल्ली हाईकोर्ट ने पीए बिभव कुमार को जमानत देने से किया इंकार

स्वाति मालीवाल से हाथापाई के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका जताते हुए बिभव कुमार की जमानत याचिका खारिज की है.

दिल्ली हाईकोर्ट

Written by Satyam Kumar |Updated : July 12, 2024 6:17 PM IST

Delhi High Court Denies Bail To Bibhav Kumar: शुक्रवार यानि आज दिल्ली हाईकोर्ट ने राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से कथित मारपीट मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक (पीए) बिभव कुमार को जमानत देने से इंकार किया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका जताते हुए बिभव कुमार की जमानत याचिका खारिज की.

दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता की पीठ ने जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि हमे आशंका है कि कुमार गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.

अदालत ने कहा,

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"अगर सीएम के पीएम को जमानत मिली तो सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. भले ही वे पीए, लेकिन रसूख रखते हैं."

सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी की ही राज्यसभा सांसद स्वाती मालीवाल भी अदालत में मौजूद रहीं.

स्वाती मालीवाल ने कहा, 

"न केवल उनके पीए ने मुझ पर बेरहमी से हमला किया, बल्कि बाद में मुख्यमंत्री खुद उन्हें बचाने के लिए सड़क पर आए."

दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट संजय जैन ने बिभव कुमार की जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया और कहा कि वे 16 जुलाई को इस मामले में आरोपपत्र दाखिल करेंगे.

जैन ने कहा,

बिभव एक बेहद प्रभावशाली व्यक्ति थे. सरकारी अधिकारी के पद से बर्खास्त होने के बावजूद, उन्हें संयुक्त सचिव के बराबर वेतन मिल रहा था. इससे पता चलता है कि बिभव कितने प्रभावशाली हैं और उनके पास कितनी शक्ति है. उनके पास बहुत ज़्यादा शक्ति है. इस तरह की शक्तियों के साथ, उनके पास गवाहों और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की प्रवृत्ति है.

वहीं, बिभव कुमार की ओर से सीनियर वकील एन हरिहरन पेश हुए.

उन्होंने जमानत की मांग करते हुए कहा, 

"यह हिरासत में मेरा 54वां दिन है, जिसमें आठ दिन की रिमांड अवधि भी शामिल है। यह गिरफ्तारी से पहले की सुनवाई होगी."

सीनियर वकील ने आगे कहा,

घटना 13 मई, 2024 की है. 16 मई को एफआईआर दर्ज कराई गई. मामले के अनुसार, स्वाति ने 13 मई को पुलिस स्टेशन गई थी. लेकिन, उन्होंने कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराई.

हालांकि, अदालत ने बिभव कुमार के वकील के दलीलों को मानने से इंकार करते हुए उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है.