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अंतरिम जमानत बढ़ाने के लिए जाली मेडिकल रिपोर्ट पेश करनेवाले शख्स पर होगी FIR, दिल्ली Court ने पुलिस को दिया आदेश

दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस को धोखाधड़ी और जालसाजी के एक मामले में अंतरिम जमानत बढ़ाने के लिए जाली मेडिकल दस्तावेज जमा करने के आरोप में एक शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है.

Written by My Lord Team |Updated : September 20, 2024 9:01 AM IST

दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली पुलिस को एक ऐसे व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है, जिसने अपनी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने के लिए जाली मेडिकल दस्तावेज जमा किए थे.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुगंधा अग्रवाल त्रिलोक चंद चौधरी की याचिका पर सुनवाई कर रही थीं, जो आर्थिक अपराध शाखा (EoW) द्वारा दर्ज धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश के मामले में आरोपी हैं. चौधरी को 3 अगस्त को चिकित्सा कारणों से चार सप्ताह की अंतरिम जमानत दी गई थी.इसके बाद उन्होंने जमानत अवधि बढ़ाने के लिए याचिका दायर की और कहा कि उनकी हालत नाजुक है क्योंकि उन्हें 100 प्रतिशत हृदय अवरोध और अनियंत्रित मधुमेह है.

अदालत ने कहा कि चौधरी ने 11 सितंबर की अपनी मेडिकल रिपोर्ट जमा की थी. अदालत ने कहा कि डॉक्टर ने उन्हें रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रण में लाने के एक महीने बाद कोरोनरी एंजियोग्राफी और स्टेंट डालने की सलाह दी थी. इसमें कहा गया है कि उसी डॉक्टर ने 2 सितंबर को आरोपी को यह कहते हुए छुट्टी दे दी थी कि उसकी मेडिकल हालत स्थिर है.

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जांच अधिकारी (आईओ) की सत्यापन रिपोर्ट के अनुसार, चौधरी की जांच नहीं की गई क्योंकि वह 11 सितंबर को डॉक्टर के पास नहीं गया था. अदालत ने कहा कि पर्चे पर डॉक्टर की मुहर नहीं थी और डॉक्टर की लिखावट और हस्ताक्षर पहले की रिपोर्ट से अलग थे. चौधरी के वकील की इस दलील को खारिज करते हुए कि उनके मुवक्किल ने उसी क्लिनिक में एक जूनियर डॉक्टर से मुलाकात की थी, अदालत ने कहा कि रिपोर्ट में किसी जूनियर डॉक्टर का नाम या हस्ताक्षर नहीं था. उपरोक्त परिस्थितियों से पता चलता है कि आवेदक ने अदालत से अनुकूल आदेश प्राप्त करने के लिए डॉक्टर का जाली और मनगढ़ंत नुस्खा रिकॉर्ड पर रखा है. न्यायाधीश ने कहा कि उपरोक्त चर्चा से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि आवेदक की स्वास्थ्य स्थिति दवा के साथ स्थिर है. अदालत ने साकेत थाने के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) को चौधरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और मामले की जांच करने का निर्देश दिया.