प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड में गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी द्वारा दायर सरेंडर अर्जी को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत ने खारिज कर दिया है. न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, आयशा ने अपनी अर्जी में कहा था कि उन्हें मीडिया में आई खबरों से पता चला कि उन्हें उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बनाया गया है.
22 मई को आयशा के आत्मसमर्पण आवेदन के जवाब में प्रयागराज पुलिस ने अदालत को बताया था कि उमेश पाल हत्याकांड की जांच के दौरान उन्हें इस मामले में आयशा की भूमिका के सबूत मिले हैं.
साल 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की सरेआम गोलियों से भून कर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद समेत कुल 9 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस हत्या के चश्मदीद गवाह उमेश पाल थे. रिपोर्ट्स के अनुसार, अतीक ने उमेश को इस केस में गवाही ना देने के लिए धमकी भी दी थी, और ना मानने पर अतीक ने उमेश को अगवा कर उसकी पीटाई की थी.
राजू पाल की तरह ही उमेश पाल की भी प्रयागराज में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में भी उमेश की पत्नी जया पाल ने अतीक अहमद, उसके भाई, पत्नी शाइस्ता परवीन, अतीक के दो बेटे और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.
उमेश पाल (Umesh Pal) की किडनैपिंग के 17 साल पुराने केस में माफिया अतीक अहमद (Atique Ahmed) को दोषी करार देते हुए प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इस मामले में अतीक सहित 3 आरोपियों को दोषी करार दिया गया. वहीं उसके भाई अशरफ (Ashraf) सहित 7 को दोषमुक्त करार दिया गया.
गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 15 अप्रैल 2023 को पुलिस हिरासत में माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी गई थी.