भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) अगले महीने की दस तारीख को रिटायर हो रहे हैं. दिवाली सेलिब्रेशन के चलते सुप्रीम कोर्ट 4 नवंबर तक बंद हैं. उसके बाद सीजेआई चंद्रचूड़ के पास मात्र पांच वर्किंग डे होंगे और उन्हें कई मामलो पर अपने फैसले सुनाने हैं. उम्मीद है कि सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ इस मामले निजी संपत्ति के स्वामित्व के अधिकार का हक तय करेगा, एएमयू के माइनोरिटी स्टेटस का मामला, दिल्ली के रिज क्षेत्रों में पेड़ो की कटाई का मामले पर अपना जजमेंट सुना सकते हैं.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ 13 मई 2016 के दिन सुप्रीम कोर्ट जज की शपथ ली थी, वे 8 नवंबर 2022 के दिन देश के 50वें सीजेआई बनें. और अब 8 साल 6 छह महीना सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पद से वे रिटायर होंगे. सुप्रीम कोर्ट ऑब्जर्वर के अनुसार, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ 68 मामलों से जुड़े हैं, जिनमें से 33 मामलों का उन्होंने फैसला सुना दिया है. 35 मामले लंबित है और कयास ये लगाई जा रही है कि अपने बचे पांच दिनों में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ 5 मामलों में फैसला सुना सकते हैं. आइये जानते हैं कि वे मामले कौन-से हैं...
नीति निदेशक संविधान का चौथा भाग है. इसमें दिए प्रावधान सरकार पर बाध्य नहीं है, लेकिन संविधान सरकार से अपेक्षा रखती है कि वे नीति बनाने में इन बिंदुओं को भी ध्यान में रखे.
संविधान के अनुच्छेद 39 (बी), राज्य के नीति निदेशक तत्व से जुड़ा है, यह कहती है कि समुदाय के भौतिक संसाधनों का स्वामित्व और नियंत्रण इस प्रकार बटा हो जिससे सामूहिक हित का सर्वोत्तम रूप से साधन हो.
अर्थात क्या सरकार सार्वजनिक हित के तौर पर निजी संपत्ति को अपने अंडरटेकिंग में लेकर जरूरतमंद लोगों में समान रूप से बांट सकती है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की संवैधानिक बेंच ने इस मामले की सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रखा है. चूंकि नौ जजों में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ भी इस बेंच का हिस्सा है, उम्मीद लगाई जा सकती है इस मामले पर फैसला सुनाया जा सकता है.
पहले इस मामले को जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइंया की पीठ 'दिल्ली के रिज क्षेत्रों में पेड़ो की कटाई' से जुड़े मामले को सुन रही थी. बाद, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों पीठ ने मामले को अपने पास ट्रांसफर कर लिया.
पिछली सुनवाई में अदालत ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना व डीडीए के चेयरमैन सुभाशीष पाडां से स्पष्टीकरण की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'पेड़ो की कटाई' की जानकारी LG को देने में दोनों पक्षों के जवाब अलग-अलग है.
मदरसा एक्ट, 2004 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की पीठ इस मामले पर अपना फैसला 23 अक्टूबर के दिन सुरक्षित रखा है. सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने भी मदरसा एक्ट 2004 का समर्थन किया. सरकार ने कहा कि इस एक्ट में कुछ संशोधन कर इसे बरकरार रखा जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट को इस बात पर फैसला सुनाना है कि क्या राष्ट्रीय महत्व के विश्वद्यालय को अल्पसंख्यक दर्जा घोषित किया जा सकता है या नही? सीजेआई की अगुवाई वाली सात जजों की संवैधानिक पीठ ने लगातार सुनवाई कर इस मामले में अपना फैसला 1 फरवरी 2024 को सुरक्षित रखा था.
सुप्रीम कोर्ट को इस बात पर फैसला सुनाना है कि क्या 7500 किलोग्राम से कम के वजन वाले परिवहन वाहन (ट्रांसपोर्ट व्हेकिल) को चलाने के लिए अलग से लाइसेंस की आवश्यकता है या नहीं. क्या हल्के वाहन के लाइसेंस (Light Motor Vehicle's License) से ट्रांसपोर्ट वाहन चलाना संभव है? यह मामला बीमा कंपनियों ने उठाया है. उन्होंने दावा किया अदालत इन मामलों में अक्सर पॉलिसी होल्डर्स के पक्ष में फैसला सुनाती है.
सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने इस मामले में 21 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रखा था.