आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) सरकार ने तेलुगू देशम पार्टी (Telugu Desam Party) के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू की जमानत रद्द करने की मांग की है. राज्य ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से एन चंद्रबाबू नायडू (N Chandrababu Naidu) को हाईकोर्ट से मिली जमानत को चुनौती दी है. राज्य ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के परिजन सार्वजनिक रूप से अधिकारियों को धमका रहे हैं. राज्य ने परिजनों पर जांच में बाधा डालने का आरोप भी लगाया है. आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट (Andhra Pradesh High Court) ने कौशल विकास निगम घोटाले (Skill Development Programmes Scam Case) में चंद्रबाबू नायडू को जमानत दी है. ये केस आंध्र प्रदेश राज्य वर्सेस नारा चंद्रबाबू नायडू है. [State of Andhra Pradesh v. Nara Chandra Babu Naidu]
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. वहीं, राज्य की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने राज्य का पक्ष रखा. बेंच आंध्र प्रदेश राज्य की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें राज्य ने हाईकोर्ट द्वारा कौशल विकास कार्यक्रम घोटाले में चंद्रबाबू नायडू को मिली जमानत को चुनौती दी है.
सीनियर वकील ने कहा,
"आरोपी के परिवार का आचरण बेहद चौंकाने वाला है. वे सरेआम कह रहे हैं कि सत्ता में आते ही हम (उनके खिलाफ) बयान देने वाले सभी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे. उन्होंने चुनाव से ठीक पहले ऐसे सभी धमकी भरे बयानों की एक किताब बना रखी है."
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के इन आरोपों पर पूर्व सीएम को जबाव देने का आदेश दिया है. जवाब देने के लिए दो हफ्ते का समय दिया गया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चंद्रबाबू नायडू के जबाव के बाद राज्य को रिज्वाइंडर पेश करने का निर्देश भी दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी चंद्रबाबू नायडू से जुड़े इस केस की सुनवाई की थी. नवंबर, 2023 में चंद्रबाबू नायडू को रैली में भाग लेने और पार्टी मीटिंग में जाने की इजाजत दी थी. वहीं, हाईकोर्ट ने जमानत के शर्तो में इन गतिविधियों पर रोक लगाया था.