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CEC Act, 2023: चुनाव आयुक्तों के चयन की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई, नए कानून में CJI नहीं है चयन समिति के सदस्य

सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयुक्तों को नियुक्त करने वाली समिति से सीजेआई को बाहर रखनेवाले कानून को चुनौती दी गई है. ये कानून CEC Act, 2023 है, जिसे चुनौती दी गई है.

Written by My Lord Team |Published : March 13, 2024 2:57 PM IST

Election Commissioner: सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयुक्तों को नियुक्त करने वाली समिति से सीजेआई को बाहर रखनेवाले कानून को चुनौती दी गई है. ये कानून CEC Act, 2023 है, जिसे चुनौती दी गई है. सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर 15 मार्च के दिन सुनवाई करेगी. वहीं, प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली पैनल 14 मार्च के दिन मीटिंग कर दो चुनाव आयुक्तों के नामों की घोषणा करेंगे, जिन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद नियुक्त की जाएगी.

सुनवाई 15 मार्च तक टला

इस मामले को जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच के सामने लाया गया है. सीजेआई को बाहर रखने का मामला प्रशांत भूषण ने उठाया, जो ADR की याचिका प्रतिनिधित्व कर रहे थे.

जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा,

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"मुझे अभी मुख्य न्यायाधीश से संदेश मिला है कि इसे शुक्रवार को सूचीबद्ध किया जाए."

शुक्रवार यानि 15 मार्च,2024 के दिन इस मामले की सुनवाई करेगी.

चुनौती देने का आधार!

याचिकाकर्ता ने कहा है कि चुनाव आयुक्त के चयन के लिए बनी समिति में सीजेआई को बाहर रखना सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का उल्लंघन है. सुप्रीम कोर्ट ने अनूप बरनवाल वर्सेस भारत संघ एवं अन्य में फैसला दिया है कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में सीजेआई को शामिल करना आवश्यक है.

CEC Act, 2023 में क्या है?

सुप्रीम कोर्ट ने दो बार चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए बने नए कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) अधिनियम, 2023 ( CEC Act) प्रधानमंत्री (पीएम), एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता को मिलाकर एक चयन समिति बनाने की अनुमति देता है, जो सीईसी (CEC) और चुनाव आयुक्तों के पदों के लिए नाम का सुझाव देते हैं.

14 मार्च को प्रधानमंत्री करेंगे बैठक

दो सीटों पर चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति होनी है. ये दो सीटें, पहले अनूप चंद्र पटेल की रिटायरमेंट और अरूण गोयल के इस्तीफे के बाद खाली हुई है. इन दोनों पदों पर नियुक्ति का जिम्मा प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति देख रही है. समिति में एक केन्द्रीय मंत्री और लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल है. वहीं, समिति द्वारा सुझाए गए नामों पर राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद चुनाव आयोग की नियुक्ति होनी है. वहीं, यह पैनल नामों पर विचार करने के लिए 14 मार्च को बैठक की गई है.

क्या है मामला?

याचिकाकर्ताओं ने चुनाव आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के पैनल से सीजेआई को हटाने वाले कानून को चुनौती दी गई हैं. सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) अधिनियम, 2023 (सीईसी अधिनियम) की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई लंबित है. इन याचिकाओं में सीजेआई को नियुक्त करने वाली पैनल से बाहर रखने के फैसले को चुनौती दी गई है.