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CCPA ने भ्रामक विज्ञापनों के लिए राव आईएएस स्टडी सर्कल, सीकर्स एजुकेशन और अन्य पर लगाया जुर्माना

भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए राव आईएएस स्टडी सर्कल को एक लाख रुपये का जुर्माना देने का निर्देश दिया गया है.

Written by My Lord Team |Published : June 26, 2023 4:46 PM IST

नई दिल्ली: भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करना कुछ कम्पनीज तथा आईएएस स्टडी सर्कल और सीकर्स एजुकेशन को महंगा पड़ा है और उन्हें इस कृत्य के लिए जुर्माना देना पड़ेगा. न्यूज़ एजेंसी भाषा के अनुसार, उपभोगताओं के हितो को सुरक्षित रखने वाली उपभोक्ता संरक्षण नियामक (सीसीपीए) ने भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए राव आईएएस स्टडी सर्कल और सीकर्स एजुकेशन पर जुर्माना लगाया है.

सोमवार को एक बयान में यह जानकारी देते हुए, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने कहा है कि उसकी कार्रवाई के बाद कोविड-19 के कारण रद्द की गई बुकिंग के लिए यात्रा, ईजमायट्रिप और हैप्पीईजीगो के लंबित रिफंड में कमी आ रही है.

एक लाख का जुर्माना

सीसीपीए के बयान में कहा गया कि उसने गुणवत्ता चिह्न के बिना ई-कॉमर्स मंच पर क्यूबा ब्रांड के तहत प्रेशर कुकर बेचने के लिए टेकशिव सिस्टम्स के खिलाफ भी आदेश दिया है और उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया.

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प्राधिकरण ने कहा कि भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए राव आईएएस स्टडी सर्कल को एक लाख रुपये का जुर्माना देने का निर्देश दिया गया है. बयान के मुताबिक सीकर्स एजुकेशन पर ऐसे ही एक मामले में 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

रिपोर्ट के अनुसार, सीसीपीए ने कोविड-19 महामारी के कारण रद्द की गई बुकिंग के लिए उपभोक्ताओं को रिफंड नहीं करने पर ऑनलाइन यात्रा पोर्टल यात्रा, हैप्पीईजीगो और ईजमायट्रिप के खिलाफ कार्रवाई की है. इसके कारण यात्रा पर कोविड-19 महामारी के कारण रद्द की गई बुकिंग के लिए लंबित रिफंड की संख्या 22,974 से घटकर 10,705 रह गई है.

सीसीपीए के बयान में आगे कहा गया कि ने कहा कि मुख्य आयुक्त निधि खरे की अगुवाई में की गई कार्रवाई के चलते लंबित रिफंड 14.69 करोड़ रुपये से घटकर 7.46 करोड़ रुपये रह गया है. इसी तरह हैप्पीईजीगो और ईजमायट्रिप के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है, जिसके कारण उनके रिफंड के लंबित मामलों में कमी हुई है.

आपकी जानकारी के बताते हैं क्या है केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण और इसका  उद्देश्य क्या हैं?

उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा और कॉर्पोरेट जगत में नैतिक प्रथाओं को बनाए रखने के लिए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की स्थापना की गई थी। इसके द्वारा माल या सेवाओं में सार्वजनिक हित बनाए रखने के लिए भ्रामक और कपटपूर्ण विज्ञापन, जो ग्राहकों को चोट पहुँचा सकते हैं, की भी सक्षम अधिकारियों द्वारा निगरानी की जाती है।

प्राधिकरण (CCPA) के अधिकार

  • उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन और संस्थान की शिकायतों की जाँच करना
  • असुरक्षित वस्तुओं और सेवाओं को वापस लेना
  • अनुचित व्‍यापार और भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाना
  • भ्रामक विज्ञापनों के निर्माता / समर्थक/ प्रकाशक पर जुर्माना लगाना