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घटनास्थल से केवल गोबर और रस्सी बरामद, गौहत्या मामले में Allahabad High Court ने आरोपी को दी अग्रिम जमानत

Allahabad High Court ने इस मामले में ना केवल आरोपी को जमानत दी बल्कि राज्य के DGP को जांच अधिकारियों को उनके कर्तव्यों की याद दिलाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश दिया है ताकि सामान्य तौर पर सभी आपराधिक मामलों और गोहत्या से संबंधित मामलों में निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जा सके.

Written by Nizam Kantaliya |Published : April 4, 2023 10:00 AM IST

नई दिल्ली: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने गोवध अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में आरोपी को जमानत देते हुए पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए है.

पुलिस ने जिस आरोपी के खिलाफ गौहत्या का मामला दर्ज किया उसके खेत से केवल रस्सी और गाय का गोबर मिला था.

जस्टिस मोहम्‍मद फैज आलम खान की एकल पीठ ने मामले के आरोपी और याचिकाकर्ता जुगाड़ी उर्फ निजामुद्दीन की ओर दायर अग्रिम जमानत अर्जी को मंजूर करते हुए कहा कि यह गोहत्या कानून के दुरुपयोग का ज्वलंत उदाहरण हैं.

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पीठ ने अपने आदेश में कहा कि “मौजूदा मामला दंडात्मक कानून के दुरुपयोग का एक ज्वलंत उदाहरण है, क्योंकि न तो प्रतिबंधित जानवर और न ही उसका मांस किसी आरोपी व्यक्ति के कब्जे से या मौके से बरामद किया गया था।”

रस्सी और गोबर

पीठ ने पुलिस जांच पर भी गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि “इस मामले में जांच अधिकारी ने केवल एक रस्सी और कुछ मात्रा में गाय का गोबर एकत्र किया.

पीठ ने कहा कि इस मामले में कुछ चश्मदीदों के बयान हैं, जिन्होंने दावा किया है कि उन्होंने आरोपी व्यक्तियों को बछड़े के साथ जमील के गन्ने के खेत की ओर जाते देखा.

पीठ ने आगे कहा गायों और बछड़ों को पालतू जानवरों के रूप में रखना गांवों में जाति, पंथ और धर्म के बावजूद एक आम बात है.राज्य सरकार का कर्तव्य निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करना है, जो कि इस मामले में नहीं की गई है.

पीठ ने इस मामले में ना केवल आरोपी को जमानत दी बल्कि राज्य के पुलिस महानिदेशक को जांच अधिकारियों को उनके कर्तव्यों की याद दिलाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश दिया है ताकि सामान्य तौर पर सभी आपराधिक मामलों और गोहत्या से संबंधित मामलों में निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जा सके.

क्या है मामला

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनउ पीठ आरोपी याचिकाकर्ता निजामुद्दीन की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी.याचिकाकर्ता पर गोवध निवारण अधिनियम की धारा 3/5/8 के तहत मामला दर्ज किया गया था.

गांव के कुछ लोगो द्वारा याचिकाकर्ता सहित चार नामजद अभियुक्तों के खिलाफ गौहत्या का मामला दर्ज कराया गया था. जिसमें आरोप लगाया गया था कि 16 अगस्त 2022 को शाम साढ़े सात बजे जमील के गन्ने के खेत में प्रतिबंधित पशु का वध किया गया था.

मामले की जाचं के लिए जब पुलिस याचिकाकर्ता के खेत में पहुंची तब मौके से उसे एक रस्सी और बछड़े का अधपचा गोबर मिला.

मौके पर केवल गाय का गोबर पाया गया था जिसे फॉरेंसिक लैब लखनऊ ने यह कहते हुए जांच करने से इंकार कर दिया कि फोरेंसिक लैब गाय के गोबर का विश्लेषण करने के लिए नहीं है.