'85 हजार से क्या होगा! दस लाख दे दीजिए', दुर्गा पूजा अनुदान देने पर कलकत्ता HC ने ममता सरकार से जताई नाराजगी
कलकत्ता हाईकोर्ट ने दुर्गा पूजा अनुदान देने से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि 85 हजार देने से क्या होगा? ऐसा कीजिए दस लाख दे दीजिए.
कलकत्ता हाईकोर्ट
Written by Satyam Kumar|Updated : September 23, 2024 3:27 PM IST
कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक बार फिर ममता सरकार से दुर्गा पूजा के दौरान अनुदान देने के रवैये से नाराजगी जाहिर की है. प्रत्येक वर्ष पूजा अनुदान दिया जा रहा है और अनुदान राशि बढ़ती जा रही है, लेकिन ऑडिट नहीं की जा रही है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने तंज कसते हुए राज्य अस्थायी कर्मचारियों को पैसे देने में समर्थ नहीं है, जबकि पूजा समिति को मिले पैसे का कोई हिसाब नहीं लिया जा रहा है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने दुर्गा पूजा अनुदान देने से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि 85 हजार देने से क्या होगा? ऐसा कीजिए दस लाख दे दीजिए.
85 हजार से क्या होगा! ऐसा कीजिए दस लाख दे दीजिए: HC
कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगनम ने राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए कहा कि राज्य किस खर्च के लिए पैसा दे रहा है, अनुदान कैसे दिया जा रहा है, इसकी रिपोर्ट दें. कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार हर साल विशेष रूप से सक्षम बच्चो को को हजार रुपये दे रहा है, जो कि बहुत ही कम है. राज्य इस पर विचार कर सकते हैं कि उनके मामले में अनुदान बढ़ाया जाए या नहीं! इससे कई लोगों को फायदा होगा. राज्य का प्रशासनिक प्रमुख विचार करना चाहिए.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा,
"एक काम कीजिए (AG को संबोधित करते हुए), आप पूजा समितियों को 10 लाख करके दे दो. फिर पूजा बहुत अच्छे से हो जाएगी. 85 हजार रूपये का क्या होगा!"
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम ने ने राज्य में कार्यरत कर्मचारियों की स्थिति से नाराजगी जताते हुए कहा कि बहुत सारी महत्वपूर्ण विभागों में लोग कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर काम करते हैं. डेटा डिजिटाइज़र को सिर्फ 23 हजार रुपये प्रति माह का भुगतान किया जाता है. पिछले माह से श्रमिकों की संख्या कम कर दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, डेटा बचाने के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट क्या कर रहा है! ऐसे कई अहम मुद्दे हैं.
पूजा समिति से अनुदान राशि की खर्च हिसाब ले राज्य
चीफ जस्टिस ने अपने शपथ समारोह का वाक्या याद करते हुए कहा कि मेरे शपथ समारोह में राज्य की मुख्यमंत्री आई हुई थी, उस समय अस्थायी कर्मचारियों ने भी मुझे अपना मांग पत्र सौंपा था. चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि दुर्गा पूजा में मिले राज्य सरकार द्वारा अनुदान कैसे खर्च किया जा रहा है यह देखना जरूरी है. पूजा समिति को उस खर्च का हिसाब राज्य को देना चाहिए.