रांची: झारखण्ड की राजधानी रांची में हुए बहुचर्चित सेना जमीन घोटाले में कोलकाता के दो बड़े उद्योगपति दिलीप घोष और अमित अग्रवाल को न्यायिक हिरासत में रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में भेज दिया गया है. सेना जमीन घोटाला मामले में दोनों की रांची के PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग) कोर्ट में पेशी की गई थी.
दोनों आरोपियों से पूछताछ के लिए ईडी ने 5 दिन की रिमांड मांगते हुए PMLA court में एक अर्जी दाखिल की थी, लेकिन कोर्ट के प्रवर्तन निदेशालय की इस अर्जी को मंजूर नहीं किया.
जिन कारोबारियों को रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल भेजा गया है, उन दोनों ही कारोबारियों पर रांची में सेना के कब्जे वाली साढ़े चार एकड़ जमीन के फर्जी दस्तावेज के आधार पर खरीद-फरोख्त में शामिल रहने का आरोप है. दोनों कारोबारियों से पहले इस मामले में रांची के पूर्व उपायुक्त आईएएस छवि रंजन के साथ अन्य आठ लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है. ईडी इन सभी को रिमांड में लेकर पूछताछ भी कर चुकी है.
अब तक हुई जांच में इस मामले से जुड़े कुछ अहम् खुलासे हुए हैं. जांच में पता चला कि प्रदीप बागची नामक शख्स ने फर्जी कागजों के आधार पर दिलीप घोष को ये जमीन बेचीं थी. दिलीप घोष जगतबंधु टी इस्टेट के मालिक हैं. इस कम्पनी में दिलीप घोष के साथ साथ अमित अग्रवाल भी सहयोगी हैं.
इस फजीर्वाड़े का खुलासा सबसे पहले साउथ छोटानागपुर कमिश्नरी के कमीश्नर की जांच रिपोर्ट में हुआ। बाद में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू की।
घोटाले में रांची के बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद,इम्तियाज खान, तल्हा खान, सेना के कब्जे वाली जमीन के फर्जी रैयत प्रदीप बागची, जमीन कारोबारी अफसर अली, फैयाज खान और मोहम्मद सद्दाम को भी गिरफ्तार किया था।