नई दिल्ली: 2002 के गुजरात दंगों से जुड़ी पीएम मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को बैन करने से जुड़े मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए तीन सप्ताह में जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को BBC Documentary 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' को बैन करने के अपने फैसले से संबंधित रिकॉर्ड पेश करने के लिए कहा है. कोर्ट ने सरकार से डॉक्यूमेंट्री के बारे में किए गए ट्वीट हटाने को लेकर जारी आदेश की फ़ाइल भी मांगी है.
जस्टिस संजीव खन्ना और एम एम सुंदरेश की पीठ वरिष्ठ पत्रकार एन राम, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, एडवोकेट प्रशांत भूषण और अधिवक्ता एम एल शर्मा की ओर से दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी.
याचिकाकर्ताओं की ओर से अदालत को बताया गया कि BBC Documentary 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' के मामले में बिना सार्वजनिक नोटिस या आदेश दिए ही बैन कर दिया गया है और डॉक्यूमेंट्री के लिंक शेयर करने वाले ट्वीट ब्लॉक कर दिए गए हैं.
पीठ द्वारा यह पूछे जाने पर कि याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की बजाए सीधे सुप्रीम कोर्ट में याचिका क्योंं दायर कर रहे है. इसके जवाब में याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि आईटी रूल्स के जिन नियमों के तहत सरकार द्वारा कार्रवाई की गई है उसका मामला फिलहालल सुप्रीम कोर्ट में ही लंबित है. जिसके चलते वे सीधे सुप्रीम कोर्ट आए है.
याचिकाकर्ताओं की बहस सुनने के बाद पीठ ने कहा कि वो इस मामले में केन्द्र सरकार के जवाब को देखे बिना मामले में कोई आदेश नहीं जारी करना चाहते. केंद्र को जवाब के लिए 3 हफ्ते का समय दिया गया.
मामले की शीघ्र सुनवाई के अनुरोध पर पीठ ने केन्द्र सरकार के जवाब मिलने के बाद अगले 2 सप्ताह में याचिकाकर्ताओं को केंद्र के जवाब का प्रत्युतर देने का समय दिया है.
जस्टिस संजीव खन्ना और एम एम सुंदरेश की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई अप्रैल में तय की है.