Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत दी है. सीबीआई मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद केजरीवाल का जेल से बाहर आने का रास्ता खुल गया है. सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत देते हुए कहा कि उनकी गिरफ्तारी अदालत के आदेश से हुई थी, इसलिए इसमें कोई प्रक्रियात्मक खामी नहीं है. बता दें कि केजरीवाल को अब शराब नीति घोटाले से जुड़े मामले में सीबीआई-ईडी मामले में जमानत मिल चुकी है.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने केजरीवाल की जमानत पर फैसला सुनाया है.
फैसले में अदालत ने कहा,
"जांच के उद्देश्य से किसी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार करने में कोई बाधा नहीं है जो पहले से ही किसी अन्य मामले में हिरासत में है. सीबीआई ने अपने आवेदन में उल्लेख किया है कि गिरफ्तारी क्यों आवश्यक थी और चूंकि न्यायिक आदेश था."
अदालत ने गिरफ्तारी की वैधता पर भी अपना फैसला सुनाया है.
अदालत ने कहा,
"हमने माना है कि अपीलकर्ता की गिरफ्तारी में कोई प्रक्रियागत खामी नहीं है. इसलिए गिरफ्तारी वैध है."
केजरीवाल की जमानत पर दोनो जजों की एक राय एक है. वहीं केजरीवाल की गिरफ्तारी पर दोनों जजों की राय अलग हैं. गिरफ्तारी को लेकर उज्जल भुइयां ने सीबीआई की भूमिका पर सवाल उठाया है. जस्टिस उज्ज्वल भुइयां ने यहां तक कहा है कि "यह धारणा बदलनी चाहिए कि सीबीआई पिंजरे में बंद तोता है. वहीं, दूसरे जस्टिस सूर्यकांत ने सीबीआई की गिरफ्तारी को सही ठहराया है. सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को दस लाख निजी मुचलके पर जमानत दी है.
पिछले सप्ताह, सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस उज्जल भुइयां की अध्यक्षता वाली पीठ ने अरविंद केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और सीबीआई की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू की मौखिक दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था. सुनवाई के दौरान सिंघवी ने दलील दी कि सीबीआई ने सीएम केजरीवाल को दो साल तक गिरफ्तार नहीं किया, बल्कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी रिहाई को रोकने के लिए जल्दबाजी में गिरफ्तारी की. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने केजरीवाल को उनके असहयोग और टालमटोल वाले जवाब के लिए गिरफ्तार किया, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के कई फैसले हैं, जिनमें कहा गया है कि जांच में सहयोग करने का मतलब यह नहीं होना चाहिए कि आरोपी को दोषी ठहराना चाहिए और कथित अपराधों को कबूल करना चाहिए. सिंघवी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद पर आसीन संवैधानिक पदाधिकारी केजरीवाल ने जमानत देने के लिए ट्रिपल टेस्ट को पूरा किया है. उन्होंने दावा किया कि केजरीवाल के भागने का खतरा नहीं है, वे जांच एजेंसी के सवालों का जवाब देने के लिए मैजूद रहेंगे और दो साल बाद अब वे लाखों पन्नों के दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं कर सकते.
हाल ही में शीर्ष अदालत ने आबकारी नीति मामले में वरिष्ठ आप नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, बीआरएस नेता के. कविता और आप के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर की जमानत याचिका मंजूर की. आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सर्वोच्च न्यायालय में दायर अपनी विशेष अनुमति याचिका में अपनी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड आदेशों को चुनौती दी है, साथ ही भ्रष्टाचार मामले में जमानत की मांग भी की है.
सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को सीएम केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. हालांकि, सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से वह जेल से बाहर नहीं आ पाए. इस बीच, बुधवार को दिल्ली की एक अदालत ने सीएम केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 25 सितंबर तक बढ़ा दी, जिन्हें पहले दी गई न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था.