Noida Sports City Projects: हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट नोएडा स्पोर्ट्स सीटी घोटाले में सीबीआई जांच के आदेश दिए है. कोर्ट ने केन्द्रीय जांच एजेंसी को निर्देश देते हुए कहा है कि सीबीआई इस मामले की जांच कर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें. इलाहाबाद हाई कोर्ट का ये निर्देश तब आया, जब मेसर्स थ्रीसी डेवलपर समेत आठ अन्य ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर दावा किया है कि नोएडा स्पोर्ट्स सीटी प्रोजेक्ट में 9 हजार करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ है, जो नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों और बिल्डर्स के बीच मिलीभगत का परिणाम है.
2004 में नोएडा प्राधिकरण ने स्पोर्ट्स सीटी प्रोजेक्ट के जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्पोर्ट्स सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्णय लिया था. इसके तहत सेक्टर 78, 79, 101, 150 और 152 में चार बिल्डरों को 32 लाख 30 हजार 500 वर्ग मीटर में भूखंड आवंटित किए गए. भूमि आवंटन के समय बिल्डर्स के सामने यह शर्त रखी गई थी कि 70 फीसदी भूमि पर स्पोर्ट्स सुविधाएं विकसित की जाएंगी. इसके अलावा, 28 फीसदी भूमि आवासीय और 2 फीसदी कॉमर्शियल होगी. थ्रीसी, लॉजिक्स, जनाडू और एटीएस को यह भूखंड आवंटित किए गए थे.
हालांकि, इन बिल्डर्स ने नियमों के विरुद्ध जाकर अलग-अलग बिल्डर्स को 84 टुकड़ों में बेच दिया. इसके साथ ही, प्राधिकरण ने 46 ग्रुप हाउसिंग के नक्शे भी पास कर दिए. जानकारों के अनुसार, बिल्डर्स ने शर्तों के अनुसार कोई कार्य नहीं किया और नोएडा प्राधिकरण को किस्तें भी जमा नहीं कीं. सीएजी की रिपोर्ट के बाद इस घोटाले का खुलासा हुआ, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया. अब, उच्च न्यायालय ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दिया है.
(खबर एजेंसी इनपुट से है)