नई दिल्ली, कर्नाटक हाईकोर्ट ने जिला अदालत में हंगामा करने और मुख्य न्यायाधीश के लिए असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करने वाले वकील को बड़ी राहत देते हुए उसके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही को समाप्त कर दिया है. लेकिन अधिवक्ता को जुर्माने के तौर पर 2 लाख रूपये जमा कराने होंगे.
अधिवक्ता KN Jagadish Kumar ने हाईकोर्ट के समक्ष बिना शर्त माफी मांगते हुए अपना माफीनाम पेश किया. अधिवक्ता की ओर से पेश गए एफिडेविट में कहा गया कि उसके द्वारा 10,11 और 12 फरवरी 2022 को जिला अदालत में किए गए अनुचित कार्य और व्यवहार के लिए वह बिना शर्त माफी मांगता हैं, इसके साथ ही वह विनम्रतापूर्वक वचन देता है कि अदालत के अंदर और बाहर एक गरिमापूर्ण, सम्मानजनक, जिम्मेदार और विनम्र व्यवहार बनाए रखेगा.
अधिवक्ता ने माफीनामें में कहा कि भविष्य में वो ऐसा कुछ भी नहीं कहेंगे या करेंगे जिससे कि न्यायपालिका और इस संस्था की गरिमा और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचे.
अधिवक्ता जगदीश कुमार ने कहा कि मैं अपने व्यवहार के लिए ईमानदारी से पश्चाताप करता हूं जिसके कारण 10 से 12 फरवरी की घटनाओं के लिए अदालत को अवमानना की कार्यवाही शुरू करनी पड़ी.
सिटी सिविल कोर्ट में इस वर्ष फरवरी माह में हुए एक प्रदर्शन के दौरान अधिवक्ता जगदीश कुमार ने ना केवल न्यायपालिका के बारे में असंसदीय भाषा का प्रयोग किया था बल्कि मुख्य न्यायाधीश के बारे में भी अशोभनिय बाते कही थी. मामले में हाईकोर्ट रजिस्ट्रार की और अवमानना याचिका दायर की गयी थी.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने 17 मार्च 2022 को इस अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए अधिवक्ता को नोटिस जारी किया था.अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट ने अधिवक्ता जगदीश कुमार के खिलाफ सख्त अवमानना की कार्यवाही करने के आदेश दिए थे.
नवंबर के अंतिम सप्ताह में अधिवक्ता की ओर से इस मामले में बिना शर्त माफी के लिए शपथपत्र पेश किया गया. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने कहा कि हम अधिवक्ता के भविष्य को समाप्त नहीं करना चाहते, लेकिन प्रोफेशन के प्रति सम्मान बनाए रखने के लिए हमें सख्त होना जरूरी हैं.
कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पी बी वराले की पीठ ने अधिवक्ता जगदीश कुमार का माफीनामा स्वीकार करते हुए जुर्मान के तौर पर 2 सप्ताह के भीतर 2 लाख रूपये जमा कराने के आदेश दिए. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अवमानना की कार्यवाही समाप्त करने का आदेश अधिवक्ता द्वारा जुर्माना राशि जमा करने की रसीदें जमा करने के बाद ही लागू माना जाएगा"
पीठ ने निर्देश दिया कि लगाई गई लागत में से 1 लाख रुपये कर्नाटक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, 50,000 रुपये बेंगलुरु एडवोकेट्स एसोसिएशन और 50,000 रुपये कर्नाटक एडवोकेट्स क्लर्क्स बेनेवलेंट ट्रस्ट को जमा कराने के आदेश दिए हैं.