Advertisement

दिव्यांग छात्र को Bombay HC की मदद से मिलेगा MBBS में एडमिशन, इस कारण रद्द हुआ था नामांकन

बॉम्बे हाईकोर्ट

छात्र ने अपनी दिव्यांगता से जुड़े कॉलम में अनजाने में गलत ऑप्शन सेलेक्ट किया था, जिसका उसे दिव्यांग कोटे का लाभ नहीं मिला.

Written by Satyam Kumar |Published : September 27, 2024 5:47 PM IST

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक दिव्यांग उम्मीदवार को एमबीबीएस में नामांकन मिलने की राह आसान कर दी है. छात्र की मेडिकल कॉलेज में एडमिशन की योग्यता आवेदन फॉर्म में गलत ऑप्शन सेलेक्ट करने के चलते चली गई थी. छात्र ने अपनी दिव्यांगता से जुड़े कॉलम में अनजाने में गलत ऑप्शन सेलेक्ट किया था, जिसका उसे दिव्यांग कोटे का लाभ नहीं मिला. अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने छात्र की समस्या पर विचार करते हुए महाराष्ट्र के एक मेडिकल कॉलेज को नामांकन देने के निर्देश दिए हैं.

बॉम्बे HC ने माना छात्र से अनजाने में हुई गलती

बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस एमएस सोनक और ज‌स्टिस कमल खता की खंडपीठ ने छात्र की दलीलों से संतुष्ट होते हुए एक सरकारी मेडिकल कॉलेज को नामांकन देने का निर्देश दिया था.

पीठ ने कहा,

"याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उससे अनजाने में गलती हुई जिसकी वजह से उसने बाद में फॉर्म में कोई सुधार नहीं किया. छात्र की दिव्यांगता को लेकर कोई विवाद नहीं है. साथ ही गलत जानकारी भरकर छात्र को कुछ हासिल नहीं होना था, इसलिए छात्र की दलीलें मानी जाने योग्य है."

पीठ ने इस जजमेंट आर्डर में दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 में दिए गए 'समावेशी शिक्षा' और 'उचित आवास' का जिक्र करते हुए भी छात्र को नामांकन देने का आदेश देना सही पाया.

 नामांकन देने से NTA का विरोध

राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी ने छात्र के नामांकन का विरोध करते हुए कहा कि हमने अप्लीकेशन फॉर्म में सुधार करने हेतु दो नोटिस जारी किए थे, जिसके बावजूद छात्र ने अपनी गलतियों में सुधार नहीं किया. NTA ने अदालत के सामने ये भी दावा किया कि छात्र  कट-ऑफ डेट से पहले दिव्यांग प्रमाण-पत्र जमा करने में असमर्थ है.

हालांकि अदालत ने NTA के दोनों दलीलों को खारिज करते हुए छात्र के नामांकन देने के निर्देश दिए हैं.