नई दिल्ली: मुंबई के एक कोर्ट ने कुछ समय पहले एक आरोपी को, मेडिकल ग्राउंड्स पर टेम्परेरी जमानत दी लेकिन यह बेल उसे उसकी मृत्यु के दो दिन बाद दी गई है। पूरा मामला क्या था,आइए जानते हैं.
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई (PTI) के अनुसार, मुंबई की एक अदालत ने धोखाधड़ी के मामले में एक 62 वर्ष के आरोपी को टेम्परेरी जमानत दी है लेकिन यह बेल तब दी गई जब इस आरोपी की मृत्यु को दो दिन हो चुके थे। यह बेल आरोपी को 'चिकित्सा और मानवीय आधार' (Medical and Humanitarian Grounds) पर दी गई थी।
बता दें कि सुरेश पवार एक रियल एस्टेट एजेंट थे जिन्हें जाली कागजों के आधार पर प्रॉपर्टी बेचने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था; 31 जनवरी, 2021 से वो जेल में हैं। आरोपी ने छह महीनों के लिए, अपनी खराब सेहत के चलते टेम्परेरी बेल मांगी थी।
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में लिखा था कि उन्हें सिवीयर डाइअबिटीज है और उम्र से जुड़ी कुछ तकलीफें भी हैं। फरवरी में उनके पैर की उंगली में चोट लग गई जिसके बाद उन्हें सरकारी जे जे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। बता दें कि घाव इतना बड़ा हो गया था कि उन्हें अंग-विच्छेद (amputate) करवाना पड़ा।
उच्च न्यायालय ने जेल के अधिकारियों को यह आदेश दिया था कि वो पवार का अच्छी तरह इलाज करवाएं और अप्रैल में पवार ने अपनी बेल याचिका वापस ले ली। उसी दिन उनकी तबीयत और खराब हो गई जिसके चलते उन्हें फिर जे जे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा; खराब इलाज की वजह से उनका घाव सेप्टिक हो गया था और घुटने से नीचे के हिस्से का अंग-विच्छेद करवाना पड़ा।
इलाज के दौरान आरोपी को लंग इन्फेक्शन भी हो गया और फिर उन्होंने छह महीने की बेल मांगी ताकि उनका इलाज हो सके।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुंबई कोर्ट को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि आरोपी का इस बीच देहांत हो चुका है।