नई दिल्ली: देश के 50 वें मुख्य न्यायाधीश बनने के साथ ही जस्टिस डी वाई चन्द्रचूड़ ने सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में कई सुधार शुरू किए. सीजेआई द्वारा किए गए प्रयासों के नतीजे अब जमीनी स्तर पर नज़र आने लगे है.
सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ ने 9 नवंबर 2022 को देश के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली थी. शपथ लेने के साथ ही सीजेआई ने केस फाईलिंग, केस पेडेंसी, जजों की नियुक्ति, रजिस्ट्री की जिम्मेदारी तय करने, संविधान पीठ की सुनवाई, अदालतों में आईटी के प्रयोग जैसे कार्यो को बहुत तेजी से आगे बढाया.
हायर ज्यूडिशरी में जजो की नियुक्ति के मुद्दे पर केन्द्र के साथ बढते विवाद के बावजूद शुरूआती 100 दिनों में सीजेआई की अध्यक्षता में कॉलेजियम 55 सिफारिशें करने में कामयाब रहा है.
देश के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेने के बाद सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ के प्रथम 100 की सबसे बड़ी उपलब्धि सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति है. वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में स्वीकृत 34 पदों में से कोई भी पद खाली नहीं है. यानी देश की सर्वोच्च अदालत 100 प्रतिशत पूर्णता के साथ कार्य रहा है.
शपथ लेने के एक सप्ताह बाद ही सुप्रीम कोर्ट में 6 पद रिक्त हो चुके थे. वही 4 जनवरी को जस्टिस एस अब्दुल नजीर के सेवानिवृत होने पर यह संख्या 7 हो गई.
सीजेआई की अध्यक्षता में कॉलेजियम ने सर्वप्रथम 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट के लिए 5 जजों की सिफारिश की. इसके बाद 31 जनवरी को 2 और जजों की सिफारिश कर सुप्रीम कोर्ट के लिए खाली पदों की सभी नियुक्तियों को भर दिया.
कॉलेजियम द्वारा 13 दिसंबर को भेजी गई सिफारिश को जरूर केन्द्र ने एक माह से सभी अधिक समय बाद मंजूर किया.
7 जजों की नियुक्ति के साथ ही सर्वोच्च अदालत में सभी रिक्तिया पूर्ण कर दी गई. यह तीसरी बार है जब देश की सर्वोच्च अदालत में जजों के बढाए गए पदों के बाद सभी वैकेंसी पूर्ण कर दी गई.पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस एनवी रमना के कार्यकाल में कुछ समय के लिए ही सुप्रीम कोर्ट के सभी 34 जज एक साथ कार्यरत थे.
सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ के प्रथम 100 दिन के कार्यकाल में देश की सर्वोच्च अदालत ने मुकदमों के निस्तारण में बहुत तेजी से कार्य किया है. पिछले 100 दिनों में सुप्रीम कोर्ट में दर्ज होने वाले मामलों की तुलना में निस्तारित होने वाले मुकदमों की संख्या अधिक रही है.
सुप्रीम कोर्ट में 9 नवंबर 2022 को सीजेआई चन्द्रचूड़ द्वारा शपथ लिए जाने से लेकर 15 फरवरी, 2023 तक कुल 13,764 मामले नए दायर किए गए थे. इसी अवधि के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 14,209 मुकदमों का निस्तारण किया है. सुप्रीम कोर्ट में मुकदमों के निस्तारण का ये क्रम जारी रहा तो पेडिंग मुकदमों में कमी आना तय है.
देश की न्यायपालिका में अंग्रेजी भाषा के प्रयोग को लेकर हमेशा आलोचना होती रही है. पिछले कुछ सालों में हिन्दी सहित देश की विभिन्न स्थानीय भाषाओं में फैसला उपलब्ध कराने की मांग भी जोर पकड़ती रही है.
हाल ही सीजेआई ने 26 जनवरी के मौके पर देश के अलग अलग भाषाओं में सुप्रीम कोर्ट के फैसले उपलब्ध की योजना का शुभारंभ किया था. अब देश की सर्वोच्च अदालत में 3132 से अधिक फैसले विभिन्न भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराए गए है.
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट की स्थापना से लेकर अब तक के करीब 34000 आदेश 2 जनवरी से ईएससीआर पर अपलोड किए गए है.
सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ ने पिछले 100 दिनों में सर्वोच्च अदालत की रजिस्ट्री के साथ ही कार्यालयों में कागज के प्रयोग को कम करने का बीड़ा उठाया है. उनके प्रोत्साहन से ही सुप्रीम कोर्ट में 1,42,818 Online उपस्थिति पर्चियां जारी की गई. यानी इतने ही कागज अब तक बचाए जा चुके है.
सुप्रीम कोर्ट के कार्यालयों में कागज रहित बनाने के लिए सीजेआई ने स्पष्ट तौर पर दिशानिर्देश तक जारी किए है.
सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ के प्रथम 100 दिनों के कार्यकाल में देश की सर्वोच्च अदालत में युद्धस्तर पर आईटी के प्रयोग को बढावा दिया गया है. इन 100 दिनों में 2,53,919 लोग वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई में पेश हो चुके है.
इसी अवधी के दौरान यूट्यूब और एनआईसी वेबकास्ट के जरिए संविधान पीठ के 43 मामलों की की सुनवाई लाइव स्ट्रीमिंग की गई.