अनन्या श्रीवास्तव
भारत में अगर आपके पास किसी भी प्रकार का वाहन है, तो कुछ ऐसे दस्तावेज हैं जिन्हें आपको हमेशा अपने साथ रखना होता है; जो की सरकार की तरफ से अनिवार्य हैं। इनमें आपका ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) और वाहन के कागज शामिल हैं; इनमें एक और डॉक्यूमेंट जो आपको हमेशा अपने साथ रखना होता है, वो आपकी गाड़ी या टू-व्हीलर का 'पीयूसी सर्टिफिकेट' (PUC Certificate) है।
इस सर्टिफिकेट का क्या मतलब है, इसकी क्या आवश्यकता है और इसका आवेदन किस तरह किया जा सकता है, आइए सबकुछ जानते हैं...
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 'मोटर वाहन अधिनियम, 1988' (The Motor Vehicles Act, 1988) के अनुसार 'पीयूसी सर्टिफिकेट' यानी 'पल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट' (Pollution Under Control Certificate) देश के हर उस नागरिक के पास होना अनिवार्य है जो किसी भी प्रकार के वाहन का मालक है।
यह प्रमाणपत्र बताता है कि आप देश में पर्यावरण मानकों पर खरे उतरते हैं और इन मानकों के आधार पर आपको भारत में कानूनी रूप से वाहन चलाने की अनुमति दी जाती है। यह सर्टिफिकेट स्पष्ट करता है कि आपकी गाड़ी का उत्सर्जन स्तर (emission levels) सरकार द्वारा निर्धारित स्तर से ज्यादा नहीं है।
एक जरूरी बात- आपको इन स्टेप्स को फॉलो करके सिर्फ वो 'पल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट' मिल सकता है जिसका आवेदन आप पहले कभी कर चुके हैं। अपने पल्यूशन सर्टिफिकेट को रिन्यू करने या नए सर्टिफिकेट हेतु आवेदन के लिए आपको ऑफलाइन प्रोसेस अपनाना होगा।
किसी भी वाहन के लिए जो पल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट आप बनवाते हैं, उसके लिए फीस वाहन की टाइप और फ्यूल पर निर्भर करेगी। आमतौर पर एक कार या बाइक के पीयूसी सर्टिफिकेट की कीमत 60 रुपये से 100 रुपये के बीच होती है। यह कीमत राज्यों पर भी निर्भर करती है।