नई दिल्ली: हर भारतीय को यह अधिकार दिया गया है कि वो अपने लिए न्याय प्राप्त कर सकें और इसमें उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े. आज के समय में न्याय पाना बहुत महंगा हो गया है और इसका असर सीधे उन लोगों पर पड़ता है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और न्याय पाने के लिए जरूरी फीस का भुगतान नहीं कर सकते हैं।
ऐसे लोगों को 'निःशुल्क विधिक सहायता' (Free Legal Aid) दिया जाता है। जानिए कि ये सुविधा किसे मिलती है और इसके लिए आवेदन किस तरह किया जा सकता है.
'विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987' (The Legal Services Authority Act, 1987) के तहत 'निःशुल्क विधिक सहायता' उन्हें मिल सकती है जो मूल रूप से इन दो श्रेणियों में से किसी में आते हैं। पहली श्रेणी में महिलाएं, अनुसूचित जाति-अनुसूचित जाति के लोग और बच्चे शामिल हैं, और दूसरी श्रेणी में वो लोग हैं जो गरीबी रेखा के नीचे (Below Poverty Line) जीवन यापन कर रहे हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।
फ्री लीगल एड के लिए आवेदन प्रक्रिया: 'निःशुल्क विधिक सहयता' का आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों तरीके से किया जा सकता है। आवेदन के लिए आपको नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करना होगा.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आपके आवेदन पत्र के सबमिशन (submission) के बाद अगर विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारियों ने आपके पत्र को अप्रूव कर दिया, तो आपको सरकार के खर्चे पर एक वकील दिया जाएगा जो आपके लिए आपका मुकदमा लड़ेगा।
साथ ही, अगर आप जिस संपत्ति को लेकर मुकदमा लड़ रहे हैं वो आपकी इकलौती संपत्ति है और आपके पास पैसों की कमी है तो आपकी कोर्ट की फीस भी माफ हो जाएगी।