देश और दुनिया अब वर्चुअल होती जा रही है, ऐसे में वर्चुअल अपराध भी बहुत तेजी से बढ रहे है. पहले अपराधी घर में घुसने से लेकर आपके पास आकर अपराध को अंजाम देते थे और अब अपराधी वर्चुअल वर्ल्ड में भी अपनी पैठ जमा रहे हैं. तेजी से लोग सोशल मीडिया, इंटरनेट की इस दुनिया में शामिल हो रहे हैं उतनी ही तेजी से इससे जुड़े अपराध भी बढ़ने लगे हैं.
सोशल मीडिया के जरिए भी ऑनलाइन फ्राड बहुत तेजी से बढ रहे है. अपराधी आपकी सोशल मीडिया पर नकली आईडी बनाकर तो कभी आपके पासवर्ड चोरी कर अपराध को अंजाम दे रहे है.
आपके साथ भी ऑनलाइन फ्रॉड हो रहा है या आपके सोशल मीडिया पर फेक आईडी बनाकर भी तरह का कोई ऑनलाइन फ्रॉड करता है तो सबसे पहले साइबर क्राइम डॉट जीओवी डॉट इन पर जाएं. जहां आप अपनी कंप्लेंट रजिस्टर करें. ऐसा करने से अपराध करने वाले पर तुरंत एक्शन लिया जाता है.
अपराधी आपके बैंक, या ऑनलाइन पेमेंट माध्यम का का पासवर्ड चुराकर या फिशिंग के जरिए भी अकाउंट से पैसे निकाल सकता है. कोई फिशिंग के जरिये भी आपको नुकसान पहुंचा सकता हैं.
ऑनलाइन ठगी और साइबर क्राइम से जुड़ी घटनाओं को रोकने और उनकी शिकायत दर्ज कराने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नेशनल हेल्पलाइन नंबर (155260) उपलब्ध कराया गया है. इस नंबर पर आप धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
यदि आप ऐसे किसी अपराध के शिकार होते हैं तो सबसे पहले इस नंबर पर कॉल करें. इसके अलावा आप केन्द्रीय गृह मंत्रालय के साइबर पोर्टल https://cybercrime.gov.in/ पर भी इसकी शिकायत कर सकते हैं.
साइबर अपराध होने पर सबसे पहली बात जो आपको याद रखनी है वह है घटना के बाद बितने वाला समय. आपके साथ ऐसी कोई घटना होती है तो उसके शुरुआती दो-तीन घंटे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. आप जितना जल्दी अपने साथ हुई ठगी या साइबर क्राईम की घटना को रिपोर्ट करेंगे साइबर टीम उतना ही जल्दी एक्शन लेगी. इससे आपके साथ हुई घटना और नुकसान की रिकवरी की संभावना भी उतनी ही बढ़ जाएगी.
केन्द्रीय गृह मंत्रालय के साइबर पोर्टल https://cybercrime.gov.in/ पर शिकायत करने के साथ ही साइबर टीम अलर्ट हो जाती है. मंत्रालय की साइबर टीम तुरंत ही संबंधित बैंक से संपर्क करती है और आपके अकाउंट से पैसे जिस अकाउंट में भी ट्रांसफर किए गए हैं उसे होल्ड कर देती या उस अकाउंट के ट्रांजेक्शन पर रोक लगा देती है.