Supreme Court Urges To Judge To Show Resilient: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट जज की लाइव हियरिंग के दौरान की गई आलोचना को स्वत: संज्ञान में लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने जज की आलोचना को तो जजमेंट आर्डर से हटाने के निर्देश दिए हैं. वहीं इस लाइव हियरिंग की वीडियो वायरल को प्रतिबंधित करने में काफी परेशानी का सामना कर रही है. वीडियो का प्रसार क्षेत्र इतना व्यापक है कि ये संभव नहीं है सभी वीडियो को डिलीट करवाया जा सके. ऑनलाइन प्रजेंस व उसकी व्यापकता देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जजों के लिए एक दिशानिर्देश जारी किया है. इस निर्देश में जजों से निवेदन किया गया है कि वे अदालती कार्यवाही की लाइव हियरिंग के दौरान अपने संयम को बरकरार रखें, जिससे कुछ ऐसी बातों ना कह दी जाए जिसको टैकल करना असंभव ही हो.
सुप्रीम कोर्ट ने लाइव सेशन के दौरान संयम बरतने की बात पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के जज की आलोचना वाले मामले में ही की है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को स्वत: संज्ञान लिया. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच जजों की बेंच ने इस मामलो को सुना.
पीठ ने कहा,
"हम पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एकल न्यायाधीश द्वारा की गई उन टिप्पणियों से दुखी हैं जो सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के संबंध में की गई हैं."
पीठ ने आगे कहा,
"जस्टिस राजबीर सेहरावत ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय के संबंध में जो टिप्पणियां की हैं, वे गंभीर चिंता का विषय हैं. न्यायिक प्रणाली की पदानुक्रमिक प्रकृति (Hierarchical Nature) का उद्देश्य सभी न्यायिक संस्थानों की गरिमा को बनाए रखना है, चाहे वह जिला हो, उच्च न्यायालय हो या सर्वोच्च न्यायालय हो."
पीठ ने आगे कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का आदेश मानना इच्छा का विषय नहीं है बल्कि संवैधानिक बाध्यता का मामला है. शीर्ष न्यायालय के फैसले के संबंध में की गई अनुचित टिप्पणियां सर्वथा अनुचित है.