सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी. लोकुर को संयुक्त राष्ट्र आंतरिक न्याय परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. संयुक्त राष्ट्र संघ के न्यायिक परिषद में उनका कार्यकाल 12 नवंबर 2028 तक रहेगा. संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज को परिषद का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया है. इससे पहले न्यायमूर्ति लोकुर को 4 जून 2012 को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया था और वे 30 दिसंबर 2018 को रिटायर हुए थे. सुप्रीम कोर्ट जज से रिटायर होने के बाद जस्टिस मदन बी लोकुर फिजी सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त किए गए थे. ऐसा पहली बार हुआ, जब किसी भारतीय को अन्य देश के सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर नियुक्त किया गया हो.
19 दिसंबर के दिन संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने जस्टिस मदन बी लोकुर नियुक्ति पत्र भेजा है, जिसके अनुसार सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी. लोकुर को संयुक्त राष्ट्र आंतरिक न्याय परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
UN महासचिव ने लिखा,
“मुझे आपको तत्काल प्रभाव से आंतरिक न्याय परिषद के सदस्य के रूप में अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करते हुए खुशी हो रही है, जिसका कार्यकाल 12 नवंबर 2028 को समाप्त होगा.”
जस्टिस लोकुर को भेजे पत्र में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने कहा कि शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश परिषद का नेतृत्व करेंगे, जिसमें अन्य प्रतिष्ठित न्यायविद भी शामिल होंगे.
31 दिसंबर, 1953 को जन्मे पूर्व सुप्रीम कोर्ट जस्टिस मदन भीमराव लोकुर (Madan B. Lokur) ने 1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास (ऑनर्स) में ग्रेजुएशन पास किया. साल 1977 में डीयू के लॉ फैकल्टी से LL.B. की डिग्री प्राप्त करने के बाद उन्होंने बार में एनरोल कराया.
जस्टिस मदन बी लोकुर को नागरिक, आपराधिक, संवैधानिक, राजस्व और सेवा कानूनों में व्यापक अनुभव है. बुद्धिमता इतनी कि उन्होंने सला 1981 में एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड की परीक्षा पास की. वह दिसंबर 1990 से दिसंबर 1996 तक केंद्र सरकार के स्थायी वकील रहे. जस्टिस मदन बी लोकुर 1997 में सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित, और 14 जुलाई, 1998 को भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में नियुक्त हुए.
जस्टिस मदन बी लोकुर 19 फरवरी, 1999 को दिल्ली हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया. वहीं, 5 जुलाई, 1999 को दिल्ली हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बने. इसके बाद उन्होंने 13 फरवरी, 2010 से 21 मई, 2010 तक दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया. 24 जून, 2010 से 14 नवंबर, 2011 तक गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और 15 नवंबर, 2011 से 3 जून, 2012 तक आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया.
4 जून 2012 में सुप्रीम कोर्ट जस्टिस बनने से पहले मदन भीमराव लोकुर गुवाहाटी हाईकोर्ट और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रहें. वहीं, सुप्रीम कोर्ट से वह साल 2018 में रिटायर हुए.