नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (NSEL) घोटाले के मुख्य आरोपी जिग्नेश शाह की कंपनी 63 मून्स टेक्नोलॉजीज पर कुर्क हुए संपत्ति में से अवैध रूप से 5600 करोड़ रूपये की हेराफेरी करने आरोप लगे हैं. कंपनी के खिलाफ ये दावा महाराष्ट्र गवर्नमेंट अथॉरिटी 14 अगस्त को बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर एक हलफनामा में किया है. अथॉरिटी के अनुसार 63 मून्स टेक्नोलॉजीज ने कुर्क हुए संपत्ति में से अवैध रूप से 5600 करोड़ रूपये की हेराफेरी की है.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने अथॉरिटी को बैंकों, म्यूचुअल फंड हाउस, एनएसडीएल और सीडीएसएल से कोर्ट द्वारा कुर्क की गई संपत्तियों के बारे में जानकारी देनी थी. महाराष्ट्र गवर्नमेंट अथॉरिटी ने हलफनामा के माध्यम से जांच की रिपोर्ट सौंपी है. इस जांच में 63 मून्स द्वारा बड़ी मात्रा में निकासी, खाता बंद करने, सावधि जमा और धन के दुरुपयोग करने के आरोप लगे हैं.
हलफनामा में कहा गया,
63 मून्स टेक्नोलॉजीज ने अपने बैंक खातों से बड़ी मात्रा में निकासी की है, कुछ खाते बंद कर दिए हैं, कुछ रकम को फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश किया है और कुर्क की गई फिक्स्ड डिपॉजिट से कुछ रकम निकाली है.
हलफनामे में आगे कहा गया,
कंपनी सुप्रीम कोर्ट द्वारा कुर्क की गई संपत्तियों में बिना अदालत से परमिशन लिए किसी तरह छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष दायर हलफनामा में कहा गया कि कंपनी ने कुर्क संपत्तियों के बैंक खातों से बड़ी मात्रा में निकासी, खातों को बंद करना, सावधि जमा में निवेश करना तथा कुर्क सावधि जमा से पैसे निकाले हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है. बॉम्बे उच्च न्यायालय ने 2 जुलाई, 2024 के एक आदेश में सक्षम प्राधिकारी को 63 मून्स की कुर्क संपत्तियों की स्थिति बताते हुए एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था.
बाद में, बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई शहर के कलेक्टर को 63 मून्स की कुर्क संपत्ति की मूल्यांकन करने के लिए दो अधिकारियों को नियुक्त करने का आदेश दिया था. अथॉरिटी को बैंकों, म्यूचुअल फंड हाउस, एनएसडीएल और सीडीएसएल से कोर्ट द्वारा कुर्क की गई संपत्तियों के बारे में जानकारी देनी थी. महाराष्ट्र गवर्नमेंट अथॉरिटी ने हलफनामा के माध्यम से जांच की रिपोर्ट सौंपी है. इस जांच में 63 मून्स द्वारा बड़ी मात्रा में निकासी, खाता बंद करने, सावधि जमा और धन के दुरुपयोग करने के आरोप लगे हैं.