
जमीन का दाखिल खारिज
कृषि भूमि अथवा आवासीय भूमि खरीदने के समय आपने जमीन का दाखिल ख़ारिज या म्युटेशन की प्रक्रिया की बात आपने अवश्य सुनी होगी.

जमीन की खरीद बिक्री
यह प्रक्रिया किसी भी व्यक्ति के लिये भूमि खरीदने के उपरान्त रजिस्ट्रेशन करवाने के समय की जाने वाली एक अनिवार्य प्रक्रिया है.

दाखिल खारिज का अर्थ
इसको पूरा किये बिना कोई भी व्यक्ति अपनी भूमि का पूर्णं रूप से स्वामी नहीं बन सकता है.

दाखिल खारिज का उद्देश्य
हमारे देश में कृषि भूमि अथवा आवासीय भूमि का हस्तांतरण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को होता है, इसके लिए दाखिल खारिज की प्रक्रिया जरूरी है.

तहसीलदार ऑफिस
दाखिल खारिज (Mutation) की प्रक्रिया देश के सभी राज्यों के राजस्व कार्यालयों (तहसीलदार) स्तर पर की जाती है.

पैतृक जमीन का दाखिल खारिज
देश के किसी भी राज्य में संपत्ति का हस्तांरण एक कानूनी प्रक्रिया के तहत उसके कानूनी हक दार को ट्रांसफर किया जाता है.

जमीन का ट्रांसफर
इसके तहत परिवार के मुखिया जिसके नाम पर भूमि है, को हटा कर उसके पुत्र अथवा पुत्री का नाम लैंड रिकॉर्ड में दर्ज करवाया जाता है. इसी को दाखिल खारिज कहा जाता है.

सरकारी अधिग्रहण के समय लाभ
जब किसी सरकारी काम के लिए भूमि का अधिग्रहण किया जाता है, ऐसे स्थिति में उन व्यक्तियों को ही मुआवजे की रकम प्राप्त होती है जिनका नाम दाखिल ख़ारिज की प्रक्रिया के तहत लैंड रिकॉर्ड में दर्ज होता है.