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Rahul Gandhi को मानहानि के मामले में 2 साल की सजा, सूरत कोर्ट ने सुनाया फैसला

वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी ने यह कथित टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में की थी।

Written by Nizam Kantaliya |Published : March 23, 2023 5:52 AM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर 2019 में उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी घोषित करते हुए 2 साल की सजा सुनाई है. फैसला सुनाए जाने के साथ राहुल गांधी की ओर से उनके अधिवक्ता ने जमानत याचिका दायर की जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने राहुल गांधी को जमानत दे दी है.

फैसला सुनाए जाने के समय राहुल गांधी अदालत में मौजूद रहें.

अदालत ने मानहानि के इस केस में IPC की धारा 500 के तहत 2 साल की सजा सुनाई है. जो कि इस धारा के तहत अधिकतम सजा है. अदालत ने राहुल गांधी को जमानत देने के साथ ही सजा के खिलाफ उपरी कोर्ट में अपील करने के लिए 30 दिन का समय भी दिया है.

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वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी ने यह कथित टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में की थी.यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत दर्ज किया गया था. राहुल गांधी अपना बयान दर्ज कराने के लिए अक्टूबर 2021 में सूरत की अदालत में पेश हुए थे.

2019 का मामला

राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला 2019 में उनकी एक टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था, ‘‘क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है?’’

राहुल गांधी की इस टिप्पणी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी.

पिछले सप्ताह ही मामले में सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा ने दोनो पक्षो की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे गुरूवार सुबह सुनाते हुए अदालत ने राहुल गांधी को दोषी करार दिया है.

कैसे मिली तुरंत जमानत

हमारे देश के कानून के अनुसार भी किसी व्यक्ति, व्यापार, उत्पाद, समूह, सरकार, धर्म या राष्ट्र के प्रतिष्ठा को हानि पहुँचाने वाला असत्य कथन मानहानि (Defamation) कहलाता है.

IPC के प्रावधानों के अनुसार मानहानि करने वाले व्यक्ति पर दीवानी और फौजदारी दोनो मुकदमें चलाए जा सकते हैं. IPC की धारा 499, 501 और 502 में मानहानि की परिभाषा के साथ ही अपराध और उसकी सजा के बारे में वर्णन किया गया है.

इस अपराध के लिए IPC की धारा 500 के तहत व्यक्ति को 2 साल तक की सजा हो सकती है या जुर्माना देना पड़ सकता है, या जुर्माना और सजा दोनों ही हो सकता है.

राहुल गांधी को अदालत ने इसी IPC की धारा 500 के तहत 2 साल की सजा सुनाई है.

चूकि यह मामला आईपीसी के अनुसार असंज्ञेय अपराध (Non-cognizable offence) हैं. असंज्ञेय अपराध में किसी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. इस तरह का अपराध जमानती (bailable) होता है जिसमें आरोपी को जमानत मिल सकती है.

इसी के चलते राहुल गांधी अदालत से तुरंत जमानत भी मिल गई है.