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Startup: एक और भारतीय Unicorn 'PharmEasy' गहरे वित्तीय संकट में

हाल ही में कंपनी छोड़ने वाले कुछ पूर्व कर्मचारियों का कहना है कि पांच सह-संस्थापक होने के बावजूद फार्मईजी में नेतृत्व की भारी कमी है

Written by My Lord Team |Published : July 6, 2023 11:15 AM IST

नई दिल्ली: एक और भारतीय यूनिकॉर्न मुसीबत में फंस गया है. कई रिपोर्टों के अनुसार, ऑनलाइन फार्मेसी स्टार्टअप फार्मईजी भारी मूल्यांकन कटौती के बीच गहरे वित्तीय संकट में है. वह नई फंडिंग की तलाश कर रहा है.

न्यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, सूत्रों के हवाले से टेकक्रंच की एक रिपोर्ट के अनुसार, फार्मईजी का मूल्यांकन कभी 5 बिलियन डॉलर था. अब यह पिछले मूल्यांकन से 90 प्रतिशत कम कीमत पर लगभग 300 मिलियन डॉलर जुटाने की योजना बना रहा है. इसके बाद फार्मईजी का मूल्यांकन लगभग 500-600 मिलियन डॉलर तक गिर जाएगा.

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फार्मईजी अपने ऋणदाता गोल्डमैन सैक्स को भुगतान करने के लिए नए सिरे से धन जुटा रहा है, जिससे उसने पिछले साल लगभग 285 मिलियन डॉलर का उधार लिया था. उसने डायग्नोस्टिक्स समाधान प्रदाता थायरोकेयर में 600 मिलियन डॉलर से अधिक की बहुमत हिस्सेदारी ली थी.

1,000 करोड़ रुपये का निवेश

मनी कंट्रोल ने बुधवार को बताया कि मणिपाल ग्रुप ने ऑनलाइन फार्मेसी फार्मईजी के मालिक और थायरोकेयर के प्रमोटर एपीआई होल्डिंग्स में 18 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए लगभग 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करने में रुचि व्यक्त की है.

रिपोर्ट में कहा गया है, “इसके अलावा, एपीआई होल्डिंग्स के मौजूदा निवेशकों से लगभग 1,500 करोड़ रुपये आने की उम्मीद है.”

फार्मईजी ने हाल के महीनों में अपने कर्मचारियों की संख्या में काफी कमी की है. हालांकि नए घटनाक्रम पर इसने कोई टिप्पणी नहीं की. अग्रणी स्टार्टअप समाचार पोर्टल इंक 42 (Inc42) ने पहले दावा किया था कि फार्मईजी ने 500 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की है.

रिपोर्ट में कहा गया है, "हाल ही में कंपनी छोड़ने वाले कुछ पूर्व कर्मचारियों का कहना है कि पांच सह-संस्थापक होने के बावजूद फार्मईजी में नेतृत्व की भारी कमी है, जिससे अराजकता बढ़ रही है."

जून 2021 में, एपीआई होल्डिंग्स ने स्वचालित मान्यता प्राप्त डायग्नोस्टिक प्रयोगशाला थायरोकेयर टेक्नोलॉजीज का अधिग्रहण किया था. कंपनी ने थायरोकेयर टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (थायरोकेयर) में डॉ. ए. वेलुमणि और सहयोगियों से 1,300 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर 4,546 करोड़ रुपये की 66.1 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए थे.