राजस्थान की एक विषेश अदालत ने बीते दिन वन विभाग के अधिकारी को थप्पड़ मारने के आरोप में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत और उनके सहयोगी महावीर सुमन को तीन साल कैद की सजा सुनाई है. बता दें कि, कोर्ट का फैसला आने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान बीजेपी पूर्व नेता राजावत ने कहा कि वह सजा के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख करेंगे.
मीडिया से बातचीत करते हुए कोटा के लाडपुरा से पूर्व विधायक व बीजेपी नेता भवानी सिंह राजावत ने बताया कि स्पेशल कोर्ट ने उन्हें ने यह भी कहा कि उन्हें एससी/एसटी कानून की धारा तीन के तहत आरोपों से बरी कर दिया गया है. इस दौरान लोक अभियोजक (सरकार वकील) ने बताया कि एससी/एसटी अदालत ने उन्हें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) सहित संबंधित धाराओं के तहत दोषी ठहराया और उनपर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
तत्कालीन उप-वन संरक्षक (DFO) रवि कुमार मीणा की शिकायत पर राजावत और सुमन के खिलाफ 31 मार्च 2022 को नयापुरा थाने में आईपीसी की धारा 332, 353, 34 और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2) के तहत मामला दर्ज किया गया था. रवि कुमार मीणा की ओर से आरोप लगाया गया था कि राजावत अपने समर्थकों के साथ डीसीएफ के कार्यालय में घुसे, जहां उन्होंने एक मंदिर के मरम्मत कार्य को रोकने का विरोध किया था और डीसीएफ को थप्पड़ मारा था.