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Serial Killer Charles Sobhraj: 'सीरियल किलर' चार्ल्स शोभराज 19 साल बाद रिहा, नेपाल सुप्रीम कोर्ट का आदेश

शोभराज वर्ष 1976 से 1997 तक भारत की जेल में भी रह चुका है. वर्ष 1976 में चार्ल्स ने भारत में घूमने आए एक फ्रेंच ग्रुप की हत्या कर दी थी. 1986 में वो अपने साथियों सहित तिहाड़ जेल भाग निकला था, लेकिन फिर पुलिस ने उसे धर दबोचा था. जिसके बाद वो अपनी सजा पूरी करके फ्रांस चला गया

Written by Nizam Kantaliya |Published : December 22, 2022 8:02 AM IST

नेपाल सुप्रीम कोर्ट ने करीब 19 सालों से नेपाल की जेल में सजा काट रहे फ्रेंच सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज को रिहा करने का आदेश दिया है.दो अमेरिकी पर्यटकों की हत्या के आरोप में 2013 से जेल में बंद शोभराज को नेपाल सुप्रीम कोर्ट ने उम्र के आधार पर रिहा करने का आदेश दिया है.जस्टिस सपना प्रधान मल्ला और तिलक प्रसाद श्रेष्ठ की बेंच ने 78 वर्षीय शोभराज की याचिका पर ये फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही 15 दिनों के भीतर उसे शोभराज को उसके पैतृक देश फ्रांस को सौंपने का आदेश दिया है.

उम्र और गिरता स्वास्थ्य

शोभराज दो अमेरिकी पर्यटकों की हत्या के आरोप में साल 2003 से नेपाल की काठमांडू जेल में बंद था. उसे हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गयी थी. नेपाल कानुन के अनुसार 20 वर्ष की सजा की 75 प्रतिशत सजा उसके भुगत ली गयी थी. नेपाल के जेल नियमों के अनुसार गंभीर अपराधों में सजा का 75 प्रतिशत भाग पूर्ण होने पर जेल प्रशासन कैदी के व्यवहार, उम्र और स्वास्थ्य के आधार पर रिहा करने का फैसला कर सकते है.

देश से निर्वासन के आदेश

चार्ल्स शोभराज ने करीब 18 वर्ष से अधिक सजा जेल में भुगत चुका था जिसके बाद उसने सरकार के समक्ष पूर्व रिहाई के लिए आवेदन किया था. जेल प्रशासन और सरकार द्वारा अनुमति नहीं मिलने पर उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया.

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नेपाल सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में चार्ल्स शोभराज ने वृद्धावस्था, गिरते स्वास्थ्य और उम्र का हवाला देते हुए रिहा करने का अनुरोध किया. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस याचिका पर फैसला सुनाते हुए काठमांडू जेल प्रशासन को शोभराज को रिहा करने का आदेश दिया. साथ ही नेपाल सरकार को भी सुप्रीम कोर्ट ने शोभराज को उसके मूल देश डिपोर्ट करने के भी निर्देश दिए है.

20 से ज्यादा हत्या के आरोप

अपराध की दुनिया में ‘सीरियल किलर’ के नाम से कुख्यात शोभराज पर नेपाल, भारत, थाईलैंड, तुर्की और ईरान सहित कई देशों में 20 से अधिक लोगों की हत्या करने का आरोप लगा हुआ है. गौरतलब है कि महिलाओं की बर्बर तरीके से हत्या के मामले में उसे ‘बिकिनी किलर’ का नाम भी दिया गया.

शोभराज पर नेपाल में 2 अमेरिकी नागरिक की हत्या सहित दो मुकदमे दर्ज थे. उसके खिलाफ पहला मुकदमा वर्ष 1975 में काठमांडू में और दूसरा भक्तपुर में दंपति की हत्या का दर्ज किया गया था. अमेरिकी नागरिकों की हत्या के चलते अमेरिका का भी नेपाल पर काफी दबाव था.

1 सितंबर, 2003 को नेपाल पुलिस को शोभराज जानकारी एक अखबार की फोटो से मिली. एक अखबार में छपी कैसीनो के तस्वीर में शोभराज भी नजर आया. तस्वीर आम होते ही नेपाल पुलिस को कई सूचना मिली जिसके आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तारी कर लिया.

ट्रायल के बाद काठमांडू की अदालत ने उसे आजीवन उम्रकैद की सजा सुनाई. अमेरिकी नागरिक की हत्या के लिए उसे अदालत ने 20 साल की सजा और फर्जी पासपोर्ट के लिए एक साल की सजा सुनाई थी. 2014 में उसे कनाडाई बैकपैकर लॉरेंट कैरिएर की हत्या का भी दोषी ठहराया गया और उसे दूसरी उम्रकैद की सजा दी गई.

नेपाल में समय पूर्व रिहाई के नियम

नेपाल में आजीवन कारावास का मतलब 20 साल की जेल है.अदालत की सजा के अनुसार उसकी उम्रकैद की आयु 2023 में पूर्ण होनी थी. लेकिन वर्ष 2020 में सजा का 75 प्रतिशत भाग पूर्ण होने पर उसने समय पूर्व रिहाई का आवेदन किया.

याचिका में शोभराज ने दावा किया कि जेल की 75 प्रतिशत अवधि पूरी कर चुके और कारावास के दौरान अच्छा चरित्र दिखाने वाले कैदियों को रिहा करने का कानूनी प्रावधान है.शोभराज ने अपनी याचिका के माध्यम से दावा किया था कि उसने नेपाल के वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली 'रियायतों' के अनुसार अपनी जेल की अवधि पूरी कर ली है. उसे निर्धारित अवधि से अधिक समय तक जेल में रखा गया है. उन्होंने दावा किया कि उन्होंने अपनी 20 साल की सजा में से 17 साल पहले ही काट लिए हैं. अच्छा व्यवहार करने के लिए रिहाई की सिफारिश की गई थी.

कौन है चार्ल्स शोभराज

चार्ल्स शोभराज का जन्म वियतनाम में हुआ था. उसने भारत सहित दक्षिण पूर्वी एशिया के तकरीबन सभी मुल्कों के लोगों को अपना शिकार बनाया है. चार्ल्स शोभराज चोरी और ठगी में माहिर खिलाड़ी था. ऐसा माना जाता है कि उसने ने थाईलैंड में 14 लोगो सहित दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में कम से कम 20 पर्यटकों को मौत के घाट उतारा जिसमें भी खासतौर से बिकनी पहनी महिलाएं होती थी. जिसके चलते उसे ‘बिकिनी किलर’ के नाम से भी जाना गया.

शोभराज लड़कियों से दोस्ती करने के बाद उन्हें नशीली दवाएं देता था. उसके बाद उनकी हत्या कर देता था. अधिकतर विदेशी महिलाएं उसका मुख्य शिकार होती थीं. वो बहुत शातिर था, हमेशा सफाई से अपराधों को अंजाम देता था. पुलिस के हाथ कोई  सुराग लगने से पहले ही अपराध को अंजाम देकर  निकल जाता था.

भारत की जेल में भी रहा

शोभराज वर्ष 1976 से 1997 तक भारत की जेल में भी रह चुका है. वर्ष 1976 में चार्ल्स ने भारत में घूमने आए एक फ्रेंच ग्रुप की हत्या कर दी थी. इस मामले के साथ चार्ल्स को इजरायली टूरिस्ट की हत्या के आरोप में सात साल की सजा मिली थी. 1986 में वो अपने साथियों सहित तिहाड़ जेल भाग निकला था, लेकिन फिर पुलिस ने उसे धर दबोचा था. जिसके बाद वो अपनी सजा पूरी करके फ्रांस चला गया.

वर्ष 2003 में वह एक बार फिर से नेपाल में जब घूमने गया, उसी दौरान एक तस्वीर सामने आने से उसे नेपाल पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया. नेपाल में सजा काटने के दौरान चार्ल्स को एक नेपाली लड़की निहिता बिस्वास से प्यार हो गया था. जिसके बाद दोनो ने शादी कर ली थी. शादी के वक्त निहिता 20 वर्ष की थी और चार्ल्स 64 वर्ष का था.