Patanjali Misleadind Ad Case: पतंजलि के संस्थापक आचार्य बालकृष्ण ने IMA के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) ने IMA के प्रेसिडेंट आरवी अशोकन पर आपत्तिजनक बयानबाजी का आरोप लगाया है. पतंजलि के संस्थापक ने सुप्रीम कोर्ट से कानूनी कार्रवाई की मांग की है. बता दें कि IMA के प्रेसिडेंट आरवी अशोकन (RV Ashokan) ने पतंजलि के खिलाफ माडर्न मेडिसीन के खिलाफ दुष्प्रचार करने व कोविड-19 वैक्सीन के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने का आरोप लगाया था. इस मामले में पतंजलि की बहुत भद्द पिटी है. अब पतंजलि के संस्थापक आचार्य बालकृष्ण ने IMA के प्रेसिडेंट के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.
7 मई (मंगलवार) के दिन, सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह इस पर विचार करेगी.
पतंजलि के संस्थापक आचार्य बालकृष्ण ने आईएमए के प्रेसिडेंट आरवी अशोकन के खिलाफ शिकायत की है. बालकृष्ण ने कहा, उन्होंने अदालत के आदेशों की अनदेखी की है. IMA अध्यक्ष द्वारा मीडिया को दिए गए बयान दुर्भावनापूर्ण है.
बालकृष्ण ने कहा,
" बयान आपत्तिजनक हैं और आम नागरिकों की नजर में माननीय न्यायालय की गरिमा को कम करने का एक स्पष्ट प्रयास है."
बालकृष्ण ने ये भी कहा,
"इन बयान का खूब प्रचार-प्रसार किया गया है जो माननीय अदालत की आलोचना से जुड़ा है. वहीं, माननीय न्यायालय भी याचिकाकर्ता (IMA के प्रेसिडेंट) के बारे में कुछ नहीं कर रही है."
पतंजलि भ्रामक विज्ञापन केस की पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने IMA को अपने घर को भी आर्डर में रखने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने IMA से कहा, अगर आप एक उंगली किसी की ओर उठाते हैं, तो चार उंगलियां आपकी ओर भी उठती है. डॉक्टर बेवजह की मंहगी व गैर-जरूरी दवाइयां लिखते हैं. अपने घर को भी आर्डर में रखना चाहिए.
IMA ने सुप्रीम कोर्ट से हिदायत मिलने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के बयानों से आपत्ति जताई.
न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार IMA अध्यक्ष ने कहा,
"ज्यादातर डॉक्टर कर्तव्यनिष्ठ हैं..नैतिकता और सिद्धांतों के अनुसार काम करते हैं. देश के मेडिकल पेशे के खिलाफ ऐसा रूख अपनाना सुप्रीम कोर्ट को शोभा नहीं देता हैं."
आचार्य बालकृष्ण ने इस बयान से आपत्ति जताई है. उन्होंने IMA प्रेसिडेंट के बयान को न्याय प्रक्रिया में हस्तक्षेप बताया है और सुप्रीम कोर्ट से कार्रवाई की मांग की है.