नई दिल्ली: अमेरिका में एक बार फिर से एक अमेरिकी भारतीय को वहां की स्थानीय न्यायपालिका में महत्वूपूर्ण पद पर नियुक्ति मिली है.
अटॉर्नी अरुण सुब्रमण्यन न्यूयॉर्क के मैनहट्टन फेडरल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के न्यायाधीश बनने वाले पहले भारतीय अमेरिकी बने है. अरुण सुब्रमण्यन ने पहले भी अमेरिका के कई जजों के साथ काम किया है.
इससे पहले, सितंबर 2022 में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के लिए संयुक्त राज्य जिला न्यायालय के लिए सुब्रमण्यम के नामांकन की घोषणा की थी.वह इस पीठ में सेवा देने वाले पहले दक्षिण एशियाई जज भी हैं"
गौरतलब है कि व्हाइट हाउस की तरफ से न्यूयार्क जिला कोर्ट में अरुण सुब्रमण्यम के अलावा अन्य अदालतों में मनोनयन को लेकर अपना प्रस्ताव मंगलवार को सीनेट को भेजा था.
अमेरिका में न्यायिक पदों के लिए नियुक्ति का यह बिडेन का 26 दौर है जिसके तहत सुब्रमण्यम के नियुक्ति की घोषणा की गई.
अमेरिकी सीनेट ने मंगलवार को राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा न्यायिक नामित सदस्यों में से तीन पर हस्ताक्षर किए थे. इसी सूची में सुब्रमण्यम का भी नाम शामिल किया गया.
अमेरिका की सीनेट ने भारतीय-अमेरिकी अरुण सुब्रमण्यम को न्यू यॉर्क की ज़िला अदालत का जज नियुक्त करने पर मुहर लगा दी है. सुब्रमण्यम के नामांकन के पक्ष में 58 मत पड़े और विपक्ष में 37 वोट पड़े है. सुब्रमण्यम के पक्ष में 21 मत अधिक पाए गए.
व्हाइट हाउस के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, राष्ट्रपति बिडेन की घोषणा ने घोषित संघीय न्यायिक प्रत्याशियों की संख्या को 143 तक पहुंचा दिया.
अरूण सुब्रमण्यम के नामांकन पर सीनेट ने जारी किए बयान में कहा है कि उन्हे न्यू यॉर्क के दक्षिण ज़िले की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में जज के तौर पर चुना गया है. वो भारतीय प्रवासी के बेटे हैं और दक्षिण ज़िले की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पहले दक्षिण एशियाई जज भी.
अरूण सुब्रमण्यम का जन्म पेन्सिलवीनिया में साल 1979 में हुआ था. उनके माता-पिता 1970 के दशक में ही अमेरिका जाकर बसे थे. उनके पिता कई कंपनियों में कंट्रोल सिस्टम इंजीनियर के तौर पर काम कर चुके हैं. उनकी माँ ने भी अमेरिका में कई नौकरियां की हैं.
सुब्रमण्यम ने साल 2001 में केस वेस्टर्न रिज़र्व यूनिवर्सिटी से कम्प्यूटर साइंस और इंग्लिश में स्नातक किया. इसके तीन साल बाद उन्होंने कोलंबिया लॉ स्कूल से लॉ डिग्री ली.
वह न्यूयॉर्क में सुज़मैन गॉडफ्रे एलएलपी में भागीदार हैं जहां उन्होंने 2007 से काम किया है. अपने करियर में, अरुण ने अमेरिकी सरकार और अन्य निजी संस्थाओं के साथ हुए धोखाधड़ी और अन्य अवैध आचरण के मामले में एक बिलियन डॉलर से अधिक का भुगतान प्राप्त कराने में महत्वूपूर्ण भूमिका निभाई है.
अरुण सुब्रमण्यन वर्तमान में सुसमान गॉडफ्रे की 2022 प्रो बोनो कमेटी के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं और कोलंबिया लॉ रिव्यू के एक लंबे समय के निदेशक भी हैं, जो कि देश की पूर्व-प्रतिष्ठित कानूनी पत्रिकाओं में से एक है.
सुब्रमण्यन ने 2004 में कोलंबिया लॉ स्कूल से अपना ज्यूरिस डॉक्टर (जेडी) और 2001 में केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी से बीए किया.