नई दिल्ली: CJI डी वाई चन्द्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं से आहवान किया है कि सुप्रीम कोर्ट में दायर की जाने वाली याचिकाओं में हाईकोर्ट के आदेशो को टाइप करने के लिए रजिस्ट्री के निर्देशो की पालना करें.
बुधवार को एक मामले पर सुनवाई के दौरान एक अधिवक्ता द्वारा इस मामले में आने वाली समस्या का जिक्र करने पर सीजेआई ने ये बात कही है. अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के पूरे निर्णयों को टाइप करने के लिए कहे जाने की समस्या का उल्लेख किया.
सीजेआई ने कहा कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट के जजों को वॉटरमार्क के साथ हाईकोर्ट के फैसले की प्रतियों को पढ़ने में मुश्किल होती है, इसलिए अधिवक्ताओं को वॉटरमार्क के बिना पूरे निर्णयों को टाइप करने के लिए रजिस्ट्री के निर्देशों का पालन करना चाहिए.
CJI ने कहा कि आदेशों को टाइप करते समय रजिस्ट्री के निर्देशों का पालन नहीं किया जाता तो हम ये नहीं पढ सकते.
CJI ने कहा कि इस मामले में रजिस्ट्री स्पष्ट निर्देश है कि जब आप हाईकोर्ट के आदेश की सत्यापित प्रति निकाल रहे है तो कृपया वॉटरमार्क हटा दें और पूरा निर्णय टाइप करने के बाद सबमिट करें.
सीजेआई ने इस मामले में जिक्र करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट जज भी सभी निर्णय टाइप करते हैं.
CJI ने इस मामले में अधिवक्ताओं से सहयोग करने का अनुरोध करते हुए कहा कि " हमारी आपत्तियों पर ध्यान और आदेशो को टाइप करें. CJI ने कहा कि वे हाईकोर्ट के आदेशो को magnifying glasses के साथ नहीं पढ सकते.
CJI ने कहा कि इस मामले में उन्होने सभी हाईकोर्ट को जानकारी दी है लेकिन इस मामले में प्रशासनिक निर्देश जारी नहीं किया जा सकता है. लेकिन अधिवक्ताओं को इस मामले में सहयोग करना चाहिए.
गौरतलब है कि सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ मार्च 2021 में भी देशभर के हाईकोर्ट और ट्रिब्यूनल से आहवान किया था कि वे अपने आदेशों और निर्णयों पर वॉटरमार्क लगाने से बचे. सीजेआई के अनुसार क्योंकि यह दस्तावेज़ लोगो तक आसान पहुंच को बाधित करते है.
सीजेआई ने कहा था कि आज की तारीख में आपको प्रामाणिकता दिखाने के लिए वॉटरमार्क की आवश्यकता नहीं है, निर्णयों पर डिजिटल हस्ताक्षर किए जा सकते हैं.