नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) को एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की ओर से दायर मानहानि के एक मुकदमे में सोमवार को नोटिस जारी किया. एनजीओ की ओर से दायर मुकदमे में दावा किया गया है कि बीबीसी के एक वृत्तचित्र में भारत, न्यायपालिका तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचाई गयी है.
उच्च न्यायालय ने सुनवाई के बाद कहा, ‘‘सभी स्वीकार्य तरीकों से प्रतिवादियों को नोटिस जारी की जाए,’’ और मामले पर अगली सुनवाई के लिए 15 सितंबर की तारीख तय की.
न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने बीबीसी (ब्रिटेन) के अलावा बीबीसी (भारत) को भी नोटिस जारी किया है और उनसे गुजरात के गैर सरकार संगठन ‘जस्टिस फॉर ट्रायल’ की ओर से दायर मुकदमे पर जवाब देने को कहा है.
याचिका में कहा गया है कि बीबीसी (भारत) स्थानीय संचालन कार्यालय है और बीबीसी (ब्रिटेन) ने वृत्तचित्र ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ जारी किया, जिसके दो भाग हैं.
एनजीओ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि बीबीसी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा एक वृत्तचित्र के संबंध में दायर किया गया है, जिसने भारत तथा न्यायपालिक समेत उसके पूरे तंत्र की ‘मानहानि’ की है.
आईएएनएस के अनुसार, हरीश साल्वे ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि वृत्तचित्र में प्रधानमंत्री पर आक्षेप भी लगाया गया है, साथ ही यह भी कहा गया कि वृत्तचित्र मानहानिजनक आरोप लगाती है और देश की प्रतिष्ठा पर दाग लगाती है.