नई दिल्ली: देश की सबसे सुरक्षित जेल में शामिल तिहाड़ जेल में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट तिहाड़ जेल प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई पर इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट के साथ तिहाड़ जेल अधीक्षक को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए है.
दिल्ली हाईकोर्ट गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया के पिता की ओर से मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था.
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस जगमीत सिंह ने जेल प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा कि जब घटना सीसीटीवी कैमरो में दिख रही थी तो उसने इसे रोकने के लिए केाई कार्रवाई क्यों नहीं की.
हाईकोर्ट ने तिहाड़ जेल के अंदर हत्या के लिए प्रयुक्त चाकू के मामले में भी जेल प्रशासन पर सवाल खड़े किए है. अदालत ने कहा कि आखिर जेल के अंदर कैसे चाकू जैसे हथियार पहुंच रहे है.
तिहाड़ जेल की 8 नंबर जेल में गैंगस्टर सुनील बालयान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया की नुकीले लोहे के हथियारों और चाकूओं से गोदकर हत्या कर दी गयी. सीसीटीवी में स्पष्ट दिख रही घटना में गैंगस्टर पर 100 से भी अधिक बार हमला करते हुए देखा गया.
वही इस हमले के दौरान जेल में सुरक्षा के लिए तैनात जेल प्रहरियों के बचाव करने की जगह चुपचाप खड़े रहते हुए भी देखा गया.
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस जगमीत सिंह ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि वह यह नहीं समझ पा रहे कि हत्या को रोकने के लिए जेल अधिकारियों ने कदम क्यों नहीं उठाए.
अदालत ने सरकारी वकील को संबोधित करते हुए कहा कि यहां क्या हो रहा है? क्या ये कैदी सलाखें काट सकते हैं और हत्या कर सकते हैं? क्या किसी अधिकारी को सस्पेंड किया गया है? HC ने कहा कि यह स्वीकार्य नहीं है.
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि देश की सबसे सुरक्षित जेल में चूक के लिए जो भी अधिकारी जिम्मेदार हैं, उनकी जवाबदेही तय की जाए.
जस्टिस जगमीत सिंह ने इसके साथ ही दिल्ली पुलिस को ताजपुरिया के पिता और भाई को सुरक्षा देने पर विचार करने के निर्देश दिए है.
गौरतलब है कि घटना के बाद कार्यवाही करते हुए जेल प्रशासन ने लापरवाही बरतने के आरोप में आठ जेलकर्मियों को निलंबित कर दिया था, जबकि तमिलनाडु पुलिस के नौ जवानों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए वहां के कमांडेंट को पत्र लिखा गया.