नई दिल्ली: टेलीविजन चैनल पर या सोशल मीडिया पर हर दिन हम सभी कई तरह के विज्ञापन से रुबरु होते रहते हैं. हमारे देश में विज्ञापन को लेकर कुछ नियम हैं. वो नियम डोनेशन मांगने के लिए दिए गए विज्ञापन पर भी लागू होते हैं.
हाल ही में एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) ने चैरिटी या डोनेशन मांगने वाले विज्ञापनों के लिए नई गाइडलाइन्स जारी किए हैं. जानते हैं क्या है वो नियम.
PMLA संशोधन के खिलाफ जनहित याचिका पर उच्चतम न्यायालय शीघ्र सुनवाई हेतु सहमत
नियम के अनुसार विज्ञापन में किसी ऐसी फोटो का इस्तेमाल ना करें, जिससे की किसी का मन विचलित हो. इसके अलावा दिशा निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इसका भी पूरा खुलासा किया जाना चाहिए दान की रकम का कहां और कैसे इस्तेमाल होने वाला है.
विज्ञापन में यह भी स्पष्ट हो कि क्राउड सोर्सिंग के जो प्लेटफॉर्म हैं या डोनेशन जुटाने वाले को उसमें से कितनी फीस या कमीशन मिलेगी और डोनेशन से बतौर फीस या कमीशन से प्लेटफार्म की कितनी कमाई होगी.
ASCI के द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार, एक चैरिटेबल संगठन या चैरिटी के लिए क्राउडसोर्सिंग प्लेटफॉर्म का विज्ञापन ऐसा नहीं होना चाहिए जो स्पष्ट रूप से किसी भी व्यक्ति को महसूस कराए कि जो भी चैरिटी का समर्थन नहीं करता, वह अपनी जिम्मेदारी में असफल होता है या वो शर्मिंदा महसूस करे.
दान मांगने वाले विज्ञापनों में इस बात का खास ख्याल रखा जाना चाहिए जिनके लिए अपील की जा रही है, उनकी गरिमा का अपमान ना किया जाए, जिसमें बच्चों और कम आयु व्यक्तियों के ग्राफिक चित्रों को विशेष रूप से विकट स्थिति में दिखाना शामिल है.
बहुत सारी ऐसी तस्वीरें होती हैं जिसे देखने के बाद लोगों का मन विचलित हो जाता है. इसे लेकर भी ASCI ने गाईडलाईंस जारी किए हैं जिसके मुताबिक, अगर कोई व्य़क्ति डिजिटल विज्ञापन दे रहा है दान के लिए तो उसमें ऐसी तस्वीरों को ब्लर किया जाना चाहिए जिससे एक साधारण व्यक्ति जो फीड स्क्रोल कर रहा है उसे उन तस्वीरों से विचलित न हो.
जो तस्वीरें देखना चाहते सिर्फ उनके लिये ब्लर Images Clear ऑप्शन पर ही क्लिक करने पर वह तस्वीर देखने को मिले, इस बात का ध्यान रखना चाहिए.