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'एडवोकेट-ऑन-रिकार्ड 2021 की परीक्षा को अटेम्प्ट के तौर पर नहीं गिना जाएगा', सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनाई खुशखबरी

जस्टिस एएस बोपन्ना के विदाई समारोह के दौरान सीजेआई ने साल 2021 में हुए एडवोकेट ऑन रिकार्ड (Advocate-On-Record) को एक अटैम्प्ट के तौर पर नहीं गिनने का फैसला सुनाया.

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच सोमवार को नीट यूजी पेपर लीक से जुड़ी सभी याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.

Written by Satyam Kumar |Published : May 18, 2024 7:50 PM IST

Advocate On Record Exam: सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने जस्टिस एएस बोपन्ना के सम्मान में विदाई समारोह का आयोजन किया था. इस समारोह को सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने और भी खुशनुमा बना दिया. सीजेआई ने साल 2021 में हुए एडवोकेट ऑन रिकार्ड (Advocate-On-Record) को एक अटैम्प्ट के तौर पर गिनने का फैसला सुनाया. सीजेआई ने एओआर के एग्जामिनेशन सेल को सूचना जारी करने का निर्देश दिया है. बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय में एओआर (AOR) के रूप में नामित होने के लिए अधिवक्ताओं को एक परीक्षा देनी होती है, जिसमें सीजेआई ने कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए परीक्षार्थियों को राहत देने का निर्णय लिया है. बता दें कि अधिवक्ताओं को एओआर की परीक्षा में बैठने के लिए पांच मौका दिया जाता है.

अधिवक्ताओं को सीजेआई ने दी खुशखबरी

सीजेआई ने इस फैसले को जस्टिस एएस बोपन्ना की विदाई समारोह में कहीं.

सीजेआई ने कहा,

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"हमने आज निर्णय लिया है कि 2021 में SCAORA परीक्षा प्रयास, COVID वर्ष को अटैम्प्ट के रूप में नहीं गिना जाएगा."

COVID-19 के दौरान, 2021 में भी वकीलों को बंद कार्यालयों, नई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से गुजरना पड़ रहा था. इसे ध्यान में रखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने राहत देने का निर्णय लिया है.

एओआर एग्जामिनेशन सेल ने नोटिस जारी कर सीजेआई के फैसले की पुष्टि की है.

नोटिस में कहा गया,

इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि वर्ष 2020 और 2021 में कोविड महामारी ने दुनिया को परेशान रही, संबंधित अधिकारी को निर्देश देते हुए प्रशंसा हो रही है कि दिसंबर, 2021 में आयोजित एडवोकेट ऑन रिकार्ड परीक्षा को विनियम 11 (iv)के मुताबिक दिए जाने वाले पांच अवसरों में काउंट नहीं किया जाए.

नोटिस में आगे कहा गया,

फैसले के बाद, 2021 की परीक्षा में शामिल हुए पात्र उम्मीदवार को एक बार की छूट दी जा रही है.

सीजेआई के फैसले के बाद अधिवक्ताओं को एओआर बनने एक और मौका मिलेगा.