वह महिला है, उनसे माफी मांगिए... जानें क्यों SC ने फिल्म निर्देशक को एक्ट्रेस से माफी मांगने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने तमिल फिल्म निर्देशक और नेता सीमन को उस अभिनेत्री से बिना शर्त माफी मांगने का सुझाव दिया, जिन्होंने 2011 में उनके खिलाफ शादी का झांसा देकर बलात्कार का मामला दर्ज कराया था. जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस आर महादेवन की पीठ सीमन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस याचिका में मद्रास हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें सीमन के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था. हाई कोर्ट ने पुलिस को मामले की जांच पूरी करने और अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह एक महिला है. आप माफी मांगिए और मामले को यहीं खत्म कीजिए. अपने जवाबी हलफनामे में आपने कहा है कि आप भविष्य में उसे परेशान नहीं करेंगे. आप सभी आरोप वापस ले लेंगे, माफी मांगेंगे और अगर हम आपके हलफनामे पर विचार करें, तो इन सभी शर्तों पर हम शिकायत रद्द कर सकते हैं.
सीमन भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत बलात्कार, आपराधिक धमकी और धोखाधड़ी सहित विभिन्न अपराधों के साथ-साथ तमिलनाडु महिला उत्पीड़न निषेध अधिनियम की धारा-4 के तहत भी आरोपों का सामना कर रहे हैं. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि वह शादी के वादे के चलते 2007 से 2011 के बीच सीमन के साथ रिश्ते में थी, लेकिन उन्होंने किसी और से शादी कर ली। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि इस दौरान उनका यौन शोषण किया गया और भावनात्मक रूप से बहकाया गया. शिकायतकर्ता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट शादान फरासत ने समझौते का विरोध करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता ने धमकियों के कारण एक दशक पहले तमिलनाडु छोड़ दिया था.
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फरासत ने कहा कि नाम तमिलर काच्ची पार्टी का नेतृत्व करने वाले सीमन ने शिकायतकर्ता को यौनकर्मी कहकर सार्वजनिक रूप से उनकी छवि खराब की, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में उन्हें समझौता करने के लिए अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था.
जस्टिस नागरत्ना ने दोनों पक्षों से कड़वाहट दूर करने का आग्रह करते हुए कहा कि देखिए, आप लोग छोटे बच्चे नहीं हैं. आपको पता है कि आपने एक-दूसरे के साथ क्या किया है. कृपया इस सबसे बाहर निकलिए और अपनी जिंदगी शांति से बिताइए. आप मुकदमा क्यों चाहते हैं?
हालांकि, सीमन के वकील ने माफी मांगकर मामले को रफा-दफा करने के अदालत के सुझाव पर अपने मुवक्किल की राय जानने के लिए सुप्रीम कोर्ट से समय देने का अनुरोध किया. अब इस मामले में अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी.