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सुप्रीम कोर्ट शिक्षा निदेशालय की मंजूरी लिए बिना 100% स्कूल फीस बढ़ाने पर पर सख्त, दिल्ली सरकार और निजी स्कूलों से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने बिना शिक्षा निदेशालय की मंजूरी के 100% फीस बढ़ाने के आरोप पर दिल्ली सरकार और निजी स्कूलों को नोटिस जारी किया. कोर्ट ने डीपीएस द्वारका द्वारा फीस न चुकाने पर छात्रों को सजा देने पर भी सख्त रुख अपनाया.

Written By Satyam Kumar | Published : October 12, 2025 11:20 PM IST

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और राष्ट्रीय राजधानी के गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूलों के एक निकाय से उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें शिक्षा निदेशालय से मंजूरी लिये बिना 100 प्रतिशत फीस वृद्धि का आरोप लगाया गया है. याचिकाकर्ता नया समाज अभिभावक संघ के वकील ने शीर्ष अदालत को बताया कि स्कूलों को दिल्ली सरकार से रियायती दर पर इस शर्त पर जमीन मिली है कि किसी भी शुल्क वृद्धि को शिक्षा निदेशालय (डीओई) से मंजूरी लेनी होगी.

चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने प्रतिवादी 'एक्शन कमेटी अनएडेड रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूल्स' के वकील से पूछा कि आप इस पर कैसे काबू पाएंगे? पीठ ने याचिका पर भाजपा नीत दिल्ली सरकार और निजी स्कूलों के संगठन को नोटिस जारी किए. पीठ ने इस दलील पर गौर किया कि द्वारका स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) बढ़ी हुई फीस न चुकाने पर लगभग 30 छात्रों को दंडित कर रहा है और उन्हें अपनी कक्षाओं के बजाय पुस्तकालय में बैठाया जा रहा है.

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चीफ जस्टिस ने पूछा कि आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? इस सवाल के साथ सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि छात्रों को कक्षाओं में आने की अनुमति दी जाए. स्कूल की ओर से पेश एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने पीठ को आश्वासन दिया कि ऐसा नहीं होगा. पीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद तय की है.

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इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पब्लिक स्कूल, द्वारका द्वारा फीस विवाद को लेकर संस्थान में कुछ छात्रों के प्रवेश को रोकने के लिए बाउंसर को तैनात करने के कथित आचरण पर नाराजगी जताई थी.

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