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अरूणाचल प्रदेश की ओर से भारत-चीन सीमा पर भूमि अधिग्रहण का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा बढ़ाकर देने के फैसले पर लगाई रोक, केन्द्र की याचिका पर जारी किया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट

भारत चीन सीमा बॉर्डर पर अरूणाचल प्रदेश की ओर भूमि अधिग्रहण के मामले में केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें हाई कोर्ट ने मुआवजे की राशि 70 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 410 करोड़ रुपये से अधिक किया था.

Written By Satyam Kumar | Published : June 27, 2025 7:47 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा के पास रक्षा संबंधी परियोजना के लिए 537 एकड़ भूमि अधिग्रहण के लिए दिये गये मुआवजे को बढ़ाने संबंधी आदेश पर शुक्रवार को रोक लगा दिया है. जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने केंद्र और अन्य की उस याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया, जिसमें गुवाहाटी हाई कोर्ट की ईटानगर पीठ के मार्च 2025 के आदेश को चुनौती दी गई थी.

सुनवाई के दौरान केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि लाभार्थियों को मुआवजा पहले ही दिया जा चुका है और भूमि का अधिग्रहण भी कर लिया गया है, लेकिन बाद में एक व्यक्ति ने पावर ऑफ अटॉर्नी’ (मुख्तारनामा) के आधार पर यह मामला दायर कर दिया. सरकार ने आगे कहा कि पहले सभी लाभार्थियों के लिए लगभग 70 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया था, लेकिन अक्टूबर 2024 में संबंधित मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा इसे बढ़ाकर 410 करोड़ रुपये से अधिक कर दिया गया. केंद्र की ओर से दलील दी गई कि संबंधित मामला एक धोखाधड़ी पर आधारित था और व्यक्ति ने 100 से अधिक व्यक्तियों का फर्जी मुख्तारनामा बनाया गया.

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हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार ने संबंधित मामले में पारित आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाने की मांग करते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. केंद्र ने कहा कि हाई कोर्ट ने निर्देश दिया था कि संदर्भ मामले में पारित आदेश इस शर्त के अधीन स्थगित रहेगा कि बढ़ाई गई राशि का 50 प्रतिशत तीन महीने के भीतर जमा किया जाए. सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी, जिसने मामले की सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की.

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पीठ ने कहा,

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प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया जाए. इस शर्त पर विवादित आदेश के क्रियान्वयन पर रोक रहेगी कि याचिकाकर्ता (केंद्र), हाई कोर्ट के समक्ष की गई अपनी पेशकश पर अमल करते हुए आज से चार सप्ताह के भीतर हाई कोर्ट की रजिस्ट्री में बढ़ी हुई राशि का 10 प्रतिशत जमा करें.’’

जब पीठ ने पूछा कि क्या केंद्र ने निर्विवाद राशि का भुगतान किया है, तो वकील ने कहा कि हां. सत्तर करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत के अक्टूबर 2024 के आदेश पर भी रोक लगा दी और मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 अगस्त की तारीख निर्धारित की है.