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विंग कमांडर कविता भाटी को Supreme Court से राहत, महिला एयरफोर्स अधिकारियों की स्थायी कमीशन पर केन्द्र सरकार से मांगा जबाव

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने विंग कमांडर कविता भाटी को अभी सेवा से नहीं हटाने का निर्देश सरकार को दिया है और इस मामले में एक हफ्ते में जवाब मांगा है.

Written By Satyam Kumar | Published : June 17, 2025 11:06 AM IST

एयरफोर्स में स्थायी कमीशन की मांग कर रही एक और महिला अधिकारी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने विंग कमांडर कविता भट्टी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सरकार को निर्देश दिया है कि उन्हें अभी सर्विस से न हटाया जाए. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से 1 हफ्ते में जवाब मांगा है. कोर्ट 6 अगस्त को उन बाकी महिला अधिकारियों की अर्जी के साथ इस नई अर्जी पर सुनवाई करेगा जिन्होंने स्थायी कमीशन न दिए जाने के सरकार के फैसले को चुनौती दी हैं.

जस्टिस उज्ज्ल भुइयां और जस्टिस मनमोहन की पीठ ने शीर्ष अदालत के 22 मई के आदेश का हवाला दिया जिसमें विंग कमांडर निकिता पांडे की याचिका पर केंद्र और भारतीय वायुसेना को इसी प्रकार के निर्देश दिए गए थे और कहा था कि यही निर्देश विंग कमांडर कविता भाटी के मामले में भी लागू होंगे.

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पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम ने ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन बालाकोट में शामिल एक महिला एयर फोर्स अधिकारी की याचिकाए पर सुनवाई करते हुए सरकार को निर्देश दिया था उन्हें नौकरी से न हटाया जाए सुप्रीम कोर्ट ने तब कहा था कि इन अधिकारियों ने संकट के वक़्त शानदार काम किया है, जिस तरह का समन्वय हमारी सेना ने दिखाया है, वो सराहनीय है. इसलिए हम उन्हें हमेशा सलाम करते है. अभी की स्थिति को देखते हुए उन्हें सर्विस से न हटाया जाए.

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पक्षकारों के अधिकारों या अधिकारी के पक्ष में समानता के प्रति पूर्वाग्रह के बिना, पीठ ने कहा कि विंग कमांडर कविता भाटी को कार्यमुक्त नहीं किया जाना चाहिए तथा अगली सुनवाई तक उन्हें सेवा में बने रहने की अनुमति दी जानी चाहिए. शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारी भाटी ने दावा किया कि उन्हें गलत तरीके से स्थायी कमीशन देने से मना कर दिया गया. शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई छह अगस्त को नियमित पीठ के समक्ष निर्धारित की है, जब भारतीय वायुसेना से संबंधित मामलों पर सुनवाई होगी.

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सुप्रीम कोर्ट ने 22 मई को केंद्र और भारतीय वायुसेना को पांडे को सेवा मुक्त करने से रोक दिया था, जो ऑपरेशन बालाकोट और ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा थीं, लेकिन उन्हें स्थायी कमीशन देने से इनकार कर दिया गया था. पांडे ने आरोप लगाया कि उन्हें स्थायी कमीशन देने में भेदभाव किया गया.