सुनवाई पूरी होने के बाद भी Judgement ना सुनाने के रवैये से Supreme Court नाराज, सभी High Court से मांगी रिपोर्ट
वैसे यह मामला तो झारखंड हाई कोर्ट से जुड़ा है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला ना सुनाने के पहलू से नाराजगी जाहिर की है. अब सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाई कोर्ट को निर्देश दिया कि वे उन मामलों की सूची दें जिसकी सुनवाई पूरी हो चुकी है लेकिन फैसला सुनाना अब भी बाकी है. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से बताने को कहा है कि 31 जनवरी, 2025 से पहले जिन मामलों में फैसला सुरक्षित रखा गया था, लेकिन अभी तक फैसला नहीं सुनाया गया है, उन सभी मामलों की रिपोर्ट चार सप्ताह में दे.
तीन साल से फैसला सुनाने का इंतजार
पिछली सुनवाई में, आजीवन कारावास की सजा काट रहे चार दोषियों ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि झारखंड हाई कोर्ट ने 2022 में दोषसिद्धि के खिलाफ उनकी अपील पर आदेश सुरक्षित रखा है, लेकिन फैसला नहीं सुनाया है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने उनकी याचिका पर विचार करने पर सहमति जताते हुए हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से उन सभी मामलों के संबंध में सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट मांगी है जिनमें फैसला सुरक्षित रखा गया था लेकिन दो महीने से अधिक समय तक फैसला नहीं सुनाया गया.
आज सुनवाई के दौरान पीठ के सामने झारखंड हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार द्वारा दी गई रिपोर्ट लाई गई. इस रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2022 से दिसंबर 2024 तक डिवीजन बेंच द्वारा सुने गए 56 आपराधिक अपील और सिंगल जज के समक्ष सुनी गई 11 आपराधिक अपीलों पर जजमेंट सुरक्षित रखने के बावजूद फैसला नहीं सुनाया गया. कुल मिलाकर 67 मामले लंबित है.
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सभी हाई कोर्ट से रिपोर्ट तलब
लंबित मामलों की संख्या देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाई कोर्ट को चार सप्ताह के भीतर उन सभी मामलों की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है जिनमें 31 जनवरी 2025 को या उससे पहले फैसला सुरक्षित रखा गया है, लेकिन अब तक फैसला नहीं सुनाया गया. वहीं, रिपोर्ट आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर कुछ अनिवार्य दिशानिर्देश भी जारी करने की बात कही है.