पब्लिक प्लेस पर नहीं, अपने घर में दें आश्रय... आवारा कुत्तों को खाना खिलाने पर SC ने जताई चिंता, लोगों की सुरक्षा को लेकर कही ये बात
सुप्रीम कोर्ट ने खुले में आवारा कुत्तों को खाना खिलाने को लेकर नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने नोएडा में सोसाइटी के अंदर कुत्तों को खाना खिलाने की उचित व्यवस्था की मांग कर रही याचिकाकर्ता से नाराजगी करते हुए कहा कि 'आप अपने घर में शेल्टर होम खोल लीजिए, वहां कुत्तों को खिलाइए. जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने तंज कसते हुए कहा कि क्यों ना हर लेन, हर सड़क इन बड़े दिल वालों के लिए खोल दे! जहां सिर्फ जानवरों को इजाजत होगी, इंसान के लिए कोई स्पेस ही न हो. आप अपने घर में क्यों नहीं कुत्तों को खिलाती. कोई ऐसा करने से आपको नहीं रोक रहा.
इस मामले में नोएडा की रहने याचिकाकर्ता का कहना था कि वो कुत्तों को खाना खिलाने की वजह से परेशान झेल रही है. सोसाइटी में एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स के मुताबिक कुत्तों को खिलाने के लिए एक तय जगह होनी चाहिए. दरअसल एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स के रूल नंबर 20 आवारा कुत्तों को खाना खिलाने से सम्बंधित है. इसमें कहा गया है कि रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन या स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि की यह जिम्मेदारी बनती है कि वो अपने इलाके में रहने वाले आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के लिए ज़रूरी व्यवस्था करें.
वकील की ओर से दलील दी गई कि म्युनिसिपलटी की ओर से ग्रेटर नोएडा में तो यह व्यवस्था की गई है लेकिन नोएडा में नहीं. ऐसी जगहों पर जहां लोगों को ज़्यादातर आना जाना नहीं होता, वहां भी खाना खिलाने के लिए जगह चिन्हित की जा सकती है. इस पर बेंच ने कहा कि आप सुबह साइकिलिंग के लिए निकलिए. देखिए कि क्या आपको नजर आता है.आवारा कुत्तों के चलते सुबह पैदल चलने वाले ही नहीं, बल्कि साईकल राइडर और दुपहिया वाहन चालक को भी जोखिम बना रहता है. बहरहाल कोर्ट ने इन तीखी टिप्पणियों के बाद इस याचिका को पहले से लंबित याचिका के साथ जोड़ दिया.