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जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले में CJI ने खुद को सुनवाई से किया अलग किया, कही ये बात, अब नई बेंच गठित.....

Justice Yashwant verma, Supreme Court

जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका पर अर्जेंट सुनवाई करने पर सीजेआई बीआर गवई ने कहा कि मेरे लिए यह ठीक नहीं होगा कि इस मसले पर सुनवाई करूं. जल्द ही इस सुनवाई के लिए बेंच का गठन करेंगे, यानि CJI ऐसी बेंच का गठन करेगे जिसमे वो ख़ुद न हो.

Written By Satyam Kumar | Published : July 23, 2025 11:14 PM IST

जस्टिस यशवंत वर्मा ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज रहते हुए अपने घर पर कैश मिलने के आरोप की जांच करने वाली तीन जजों की रिपोर्ट को अमान्य घोषित करने की मांग की है. जस्टिस यशवंत वर्मा का कहना है कि कमेटी ने सही से जांच नहीं की, उन्हें अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया. इसके साथ ही जस्टिस वर्मा ने तत्कालीन चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की उन्हें पद से हटाने के राष्ट्रपति और पीएम को भेजी गई सिफारिश को भी चुनौती दी है.

आज सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल, मुकुल रोहतगी, राकेश द्विवेदी , सिद्धार्थ लूथरा जस्टिस यशवंत वर्मा की ओर से पेश हुए. कपिल सिब्बल ने CJI की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने मामला उठाते हुए कहा कि इस मामले में कई संवैधानिक पहलू जुड़े है. हम आग्रह करते है कि इस अर्जी पर जल्द सुनवाई के लिए बेंच का गठन करें. इस पर सीजेआई बीआर गवई ने कहा कि मेरे लिए यह ठीक नहीं होगा कि इस मसले पर सुनवाई करूं. जल्द ही इस सुनवाई के लिए बेंच का गठन करेंगे, यानि CJI ऐसी बेंच का गठन करेगे जिसमे वो ख़ुद न हो.

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जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका आज सुनवाई के लिस्ट नहीं हुई थी. ऐसा नहीं था कि चीफ जस्टिस ने सुनवाई करते हुए अपने आप को मामले की सुनवाई से अलग किया हो,. अभी याचिका सुनवाई के लिए लिस्ट होना बाकी है. आज सिर्फ इतना हुआ है कि जस्टिस वर्मा की याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए बेंच गठन गठित करने के लिए उनके वकीलो ने चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने मांग की ( इसे कोर्ट की तकनीकी भाषा में मेंशनिग कहते है).

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चीफ जस्टिस मास्टर ऑफ रोस्टर होते है. इसलिए वो ही तय करते है कि कौन सा मामले पर कौन सी बेंच सुनवाई करेगी.  जब किसी पक्षकार को जल्द सुनवाई चाहिए होती है तो वो अमूनन चीफ जस्टिस के सामने ही मेंशन करते है. आज भी यही हुआ. ऐसे में यह बिल्कुल ज़रूरी नहीं है कि जो मामला चीफ जस्टिस के सामने मेंशन हो, उसको सुनने के लिए गठित बेंच में खुद चीफ जस्टिस शामिल हो( ये व्यवहारिक रूप से भी संभव नहीं है),

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यहां चीफ जस्टिस ने इसलिए स्पष्ट किया कि वो खुद बेंच में शामिल नहीं रहेंगे क्योंकि उनका कहना था कि वो कमेटी के सदस्य रहे है( यहां उनका इशारा इन हाउस जांच प्रकिया शुरू होने में अपनी भागीदारी को लेकर था). वैसे भी ऐसे मामले जिनमें चीफ जस्टिस का पोस्ट शामिल रहता है, उस पर सुनवाई करने वाली बेंच में चीफ जस्टिस खुद नहीं रहते है. अब जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले में नई बेंच गठित होने के बाद ही सुनवाई होगी.