भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 64 और 65 में रेप की सजा का प्रावधान
Law and Rules: भारतीय न्याय संहिता 2023 भारत की सीमा क्षेत्र के भीतर किए गए अपराध, अपराध की सजा का जिक्र करती है. संहिता भारत के बाहर से कोई व्यक्ति भारत में स्थित किसी कंप्यूटर संसाधनों के सहारे अपराध करता है, उसे भी भारत के कानून के अंतर्गत कार्रवाई करने की बात कहती है. इससे पहले हमने भारतीय न्याय संहिता की धारा 63 में दिए गए रेप की परिभाषा की चर्चा की थी. आज हम बलात्कार की सजा के बारे में बात करेंगे,आपको अच्छे ढंग से बताने की कोशिश करेंगे कि भारतीय न्याय संहिता में बलात्कार की सजा को लेकर क्या प्रावधान हैं, जुर्माने को लेकर क्या प्रावधान हैं....
बीएनएस की धारा 64 (1):
बलात्कार के मामलों में कठोर सजा के प्रावधानों का जिक्र करती है. भारतीय न्याय संहिता की धारा 64(1) के अनुसार, बलात्कार का अपराध सिद्ध होने पर आरोपी को कम-से-कम दस साल जेल की सजा होगी. वहीं, अधिकतम सजा आजीवन कारावास तक हो सकती है और साथ ही मामले में अदालत जुर्माना भी लगा सकती है.
जब कोई व्यक्ति, बीएनएस की धारा 64 की उपधारा (2) में चिन्हित मामलों को छोड़कर, बलात्कार के मामलों में दोषी पाया जाएगा, उसे कठोर कारावास (दस वर्ष से कम नहीं) से दण्डित किया जाएगा, जो आजीवन कारावास तक बढ़ाई जा सकती है. अपराध में जेल की सजा के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
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बीएनएस की धारा 64(2):
जो कोई भी,
- a) अगर कोई व्यक्ति पुलिस अधिकारी होते हुए बलात्कार करता है,
i) उस पुलिस स्टेशन की सीमा के भीतर जहां उसे पुलिस अधिकारी नियुक्त किया गया है; या
ii) किसी भी पुलिस स्टेशन परिसर में; या
iii) जब महिला इसी पुलिस अधिकारी हिरासत में हो, या उसके किसी अधीन किसी पुलिसकर्मी की हिरासत में लाई गई महिला से;
यहां 'पुलिस अधिकारी' का वही अर्थ होगा जो पुलिस अधिनियम, 1861 के तहत 'पुलिस' शब्द को दिया गया है;
- b) कोई व्यक्ति लोक सेवक(Public Servant) होते हुए, अपनी हिरासत में लिए या किसी अधीनस्थ पब्लिक सर्वेंट की हिरासत में मौजूद किसी महिला के साथ बलात्कार करता है; या
- c) केन्द्र या राज्य सरकार के आर्म्ड फोर्सेस के सदस्य होते हुए, किसी क्षेत्र (जगह, गश्तीया तैनाती की जगह) में बलात्कार करता है; या
स्पष्टीकरण: यहां सशस्त्र बल (आर्म्ड फोर्सेस) का अर्थ नौसेना, सेना और वायु सेना से है और इसमें किसी भी कानून के तहत गठित सशस्त्र बलों का कोई भी सदस्य शामिल है, जिसमें अर्धसैनिक बल और कोई भी सहायक बल शामिल हैं जो केंद्र सरकार या राज्य सरकार के नियंत्रण में हैं;
- d) किसी जेल, रिमांड होम या किसी अन्य हिरासत स्थान के मैनेजमेंट या स्टाफ में शामिल होते हुए, कानून के तहत स्थापित किए गए महिला या बच्चों के संस्थान, जेल, रिमांड होम, स्थान या संस्थान के किसी कैदी के साथ बलात्कार करता है; या
'महिलाओं या बच्चों की संस्था' का अर्थ है एक संस्था, चाहे उसे अनाथालय कहा जाए या उपेक्षित महिलाओं या बच्चों के लिए घर या विधवा का घर या किसी अन्य नाम से पुकारा जाने वाला संस्थान, जो महिलाओं या बच्चों के देखभाल के लिए स्थापित है.
- e) किसी अस्पताल के प्रबंधन या स्टाफ में शामिल होते हुए, उस अस्पताल में मौजूद किसी महिला के साथ बलात्कार करना या
यहां "अस्पताल" का अर्थ है अस्पताल का परिसर और इसमें स्वास्थ्य लाभ के दौरान या चिकित्सा देखभाल या पुनर्वास की आवश्यकता वाले व्यक्तियों के उपचार और पुर्नवास (Rehabilitation) के लिए किसी भी संस्थान का परिसर शामिल है;
- f) किसी महिला का रिश्तेदार, अभिभावक, शिक्षक, या उस महिला का भरोसेमंद या अथॉरिटी की स्थिति में रहने वाला व्यक्ति, उस महिला के साथ बलात्कार करता है; या
- g) सांप्रदायिक या संप्रदायिक हिंसा के दौरान किसी से बलात्कार; या
- h) प्रेग्नेंट होने की जानकारी होने पर भी गर्भवती महिला से बलात्कार; या
- i) सहमति देने में असमर्थ महिला के साथ बलात्कार; या
- j) किसी महिला पर नियंत्रण या प्रभुत्व की स्थिति में (Position Of Control and Dominance) होने पर, उस महिला के साथ बलात्कार करना; या
- k) मानसिक या शारीरिक तौर पर दिव्यांगता से पीड़ित महिला के साथ बलात्कार करना; या
- l) बलात्कार करते समय किसी महिला को गंभीर शारीरिक क्षति पहुंचाना या अपंग बनाना या विकृत करना या उसके जीवन को खतरे में डालना; या
- m) किसी विशेष महिला के साथ बार-बार बलात्कार करना,
उपरोक्त कृत्यों में संलिप्त व्यक्ति को कम से कम दस साल कठोर कारावास दिए जाने का प्रावधान है, जिसे आजीवन में बदला जा सकता है. यहां आजीवन कारावास का आशय व्यक्ति के बचे हुए जीवन से है. इस अपराध में कठोर कारावास के साथ जेल का भी प्रावधान है.
एक-जैसे कानून/ संगत कानून/ Corresponding Law: Act 45 ऑफ 1860 की धारा 376 (1) और 376 (2) भी रेप की सजा के प्रावधान से जुड़ा है,
बीएनएस की धारा 65 : नाबालिग के साथ बलात्कार की सजा
भारतीय न्याय संहिता की धारा 65 नाबालिग से बलात्कार के मामले में सजा का जिक्र है. जिसमें सजा के लिए पीड़िता की उम्र को आधार बनाया गया है.
बीएनएस की धारा 65(1): जब नाबालिग की उम्र सोलह वर्ष से कम हो,
कोई व्यक्ति, जो कोई सोलह वर्ष से कम आयु की लड़की के साथ बलात्कार करता है, उसे बीस वर्ष की कठोर कारावास (कम से कम) की सजा दी जाएगी. बीस साल की सजा को आजीवन कारावास (व्यक्ति के शेष बचे प्राकृतिक जीवन) तक बढ़ाए जाने का प्रावधान है. साथ सजा मेंं कारावास के साथ जुर्माने का भी प्रावधान है.
कैसे तय होगा जुर्माना: यह जुर्माना पीड़िता के पुर्नवास और मेडिकल खर्चों को ध्यान में रखकर लगाया जाएगा. साथ आरोपी पर लगाया गया जुर्माना पीड़िता को दी जाएगी.
बीएनएस की धारा 65(2): जब नाबालिग की उम्र बारह वर्ष से कम हो,
कोई व्यक्ति, जब बारह वर्ष से कम आयु की लड़की के साथ बलात्कार करता है, उसे कम से कम बीस वर्ष की कठोर कारावास की सजा दी जाएगी, लेकिन जो आजीवन कारावास तक हो सकती है, जिसका अर्थ उस व्यक्ति के शेष प्राकृतिक जीवन के लिए कारावास होगा, और जुर्माना या मृत्युदंड दिया जाएगा.
सजा को कठोर बना बलात्कार की घटनाओं पर नकेल कसेगी बीएनएस 2023
भारतीय न्याय संहिता बलात्कार के अपराधों को और कठोर बनाती है. पुराने कानून में जहां दस साल जेल अधिकतम सजा थी, वहीं नए अपराधिक कानून में इस निंदनीय कानून में कम-से-कम (न्यूनतम) दस साल जेल की सजा है.
साथ बीएनएनस बलात्कार की घटना के मामले में पुर्नवास पर अधिक जोड़ देता है, जुर्माने की बात कहता है जो पीड़िता के पुर्नवास और मेडिकल खर्च के लिए जरूरी हो.