किसी को अपराधी कब घोषित किया जाता है? शख्स को जमानत देने से मना करते हुए Delhi HC ने बताया
हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट भगोड़ा घोषित किए गए शख्स की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी. हाई कोर्ट ने इस दौरान किसी शख्स को भगोड़ा कब घोषित किया जाता है? इसे लेकर विस्तार से बताया लेकिन जमानत की मांग कर रहे शख्स को राहत देने से इंकार कर दिया. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कोई असाधारण परिस्थिति है.
जस्टिस रविन्द्र डुडेजा आरोपी जगदीश दास की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिस पर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने धोखाधड़ी, आपराधिक षडयंत्र और बैंकर, व्यापारी, एजेंट आदि के खिलाफ आपराधिक विश्वासघात के आरोप में मामला दर्ज किया था. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति को घोषित अपराधी तब घोषित किया जाता है जब उसके विरुद्ध सार्वजनिक नोटिस जारी होने के बावजूद वह अदालत में उपस्थित नहीं हो.
दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसले में स्टेटस रिपोर्ट देखते हुए कहा कि याचिकाकर्ता (दास) लगातार सुनवाई अदालत के आदेशों की अवज्ञा कर रहा है, क्योंकि वह जांच में शामिल होने में विफल रहा और गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) और प्रक्रिया जारी होने के बाद भी अदालत में पेश नहीं हुआ, जो उसके द्वारा लगातार अवज्ञा को दर्शाता है. कानून और न्यायिक नजीरों का हवाला देते हुए अदालत ने कहा कि घोषित अपराधी को अग्रिम जमानत तब तक नहीं दी जा सकती जब तक कि असाधारण परिस्थितियां न हों.
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दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि मौजूदा मामला कोई अपवाद या असाधारण मामला नहीं है, जहां अदालत की इस विवेकाधीन शक्ति का इस्तेमाल किया जा सके। समग्र परिस्थितियों के मद्देनजर, याचिकाकर्ता गिरफ्तारी-पूर्व या अग्रिम जमानत का लाभ लेने का हकदार नहीं है.