LIVE: तब तक Waqf Act 2025 के अनुसार कार्रवाई नहीं हीं किया जाएगा', केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिया आश्वासन, 5 मई को अगली तारीख
बीते दिन सुप्रीम कोर्ट ने इस बात के संकेत दिए है कि वो वक़्फ संशोधन क़ानून के कुछ प्रावधानों पर फिलहाल रोक सकता है. कोर्ट ने इसको लेकर अंतरिम आदेश पास करने के संकेत दिए है. कोर्ट ने कहा है कि वो अपने आदेश में इस क़ानून के तीन पहलुओं को लेकर व्यवस्था दे सकता है. कोर्ट ने कहा है कि वो ये अंतरिम आदेश में व्यवस्था देगा कि जिन प्रॉपर्टी को कोर्ट के आदेश द्वारा वक्फ घोषित किया जा चुका है,फिर भले ही waqf by user हो या waqf by deed हो. उन्हें नए वक़्फ़ कानून के तहत डिनोटिफाइ नहीं किया जाएगा यानि उनकी स्थिति पहले जैसी बने रहने दी जाए. कोर्ट इस मामले में अंतरिम आदेश पास करने ही वाला था, लेकिन सरकार की ओर से SG तुषार मेहता और दूसरे वकीलों के अनुरोध पर कोर्ट ने ऐसा नहीं किया और सुनवाई कल के लिए टाल दी. अब कोर्ट इस मामले में कल फिर से जिरह सुनेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह अंतरिम आदेश में व्यवस्था देगा कि–
- जिन प्रॉपर्टी को कोर्ट के आदेश द्वारा वक्फ घोषित किया जा चुका है उन्हें नए वक़्फ़ कानून के तहत denotify नहीं किया जाएगा।
- विवादित प्रॉपर्टी के मामले में कलेक्टर जांच जारी रख सकते हैं लेकिन कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जाएगा।
- EX offico मेम्बर को छोड़कर काउंसिल और बोर्ड के सभी सदस्य मुस्लिम हों
कोर्ट ने कहा कि वो अंतरिम आदेश में ये व्यवस्था दे सकता है की विवादित प्रॉपर्टी के मामले में कलेक्टर जांच जारी रख सकते हैं लेकिन कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जाएगा. इसके साथ ही वो अंतरिम आदेश में ये कह सकता है कि पदेन सदस्यों (Ex offico member) को छोड़कर काउंसिल और बोर्ड के सभी सदस्य मुस्लिम होंगे.
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SC का सरकार से सवाल
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नए क़ानून के कुछ प्रावधानों को लेकर सवाल भी किए. कोर्ट ने पूछा कि क्या इस क़ानून के ज़रिए waqf-by-user प्रोपर्टी को वक़्फ मानना पूरी तरह बंद कर दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अंग्रेजों के आने से पहले हमारे पास कोई रजिस्ट्रेशन को लेकर कोई क़ानून नहीं था. ज़्यादातर मस्जिद 14 वीं या 15 वी सदी की है. जामा मस्जिद जैसी ज़्यादातर मस्जिद waqf by यूजर है. अब उनसे रजिस्ट्रेशन डीड पेश की मांग करना कितना व्यवहारिक है.
सुप्रीम कोर्ट ने आगे पूछा कि क्या यह कहना सही होगा कि अगर किसी विवादित वक़्फ प्रॉपर्टी के सरकारी ज़मीन पर होने या न होने की कोई सरकारी अधिकारी जांच कर रहा है तो जांच के जारी रहने के दौरान उस संपत्ति को वक़्फ न माना जाए. ये बात सिविल कोर्ट के लिए क्यों नहीं छोड़ देनी चाहिए!
आप ये नहीं कह सकते कि Waqf by user के सारे मामलों में गड़बड़ी ही होती है, आज की तारीख में पुरानी प्रॉपर्टी को रजिस्ट्रेशन कैसे होगा. हमने मैंने प्रिवी काउंसिल के फैसले भी देखे हैं। Waqf by user को मान्यता दी गई है. अगर आप इसे पलटते है तो इससे समस्या होगी. क्या आप ये सुनिश्चित करेंगे कि संशोधन के बाद सेंट्रल वक़्फ़ काउंसिल और बोर्ड में ज़्यादातर मेंबर मुस्लिम होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने इस नए क़ानून के मुताबिक वक़्फ काउंसिल और बोर्ड में ग़ैरमुस्लिमों की एंट्री की इजाज़त दी है , क्या आप हिंदू धर्माथ बोर्ड में मुस्लिम सदस्यों को इजाज़त देने वाले है? तिरुपति टेंपल बोर्ड में सिर्फ हिंदू ही है.
लाइव अपडेट
#Breaking News: Waqf Amendment Act मामले में अगली सुनवाई 5 मई को होगी
वक्फ संसोधन अधिनियम मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी
मामले को 'इन रे वक्फ संशोधन अधिनियम, 1, 2, 3, 4 और 5' के रूप में पढ़ा जाएगा.
CJI का बड़ा फैसला, केवल 5 रिट याचिकाएं स्वीकार की जाएंगी
सर्वोच्च न्यायालय ने वक्फ अधिनियम, 1995 और उसके 2013 के संशोधन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर निर्देश दिया कि केवल 5 रिट याचिकाओं पर ही सुनवाई होगी, शेष याचिकाएं निष्पादित मानी जाएंगी.
याचिकाओं में पक्षकारों के नामों का उल्लेख नहीं किया जाएगा, बल्कि उन्हें 'वक्फ (संशोधन) अधिनियम' के रूप में संदर्भित किया जाएगा.
नोडल वकीलों की नियुक्ति करने का निर्देश दिया गया है.
2013 के अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाकर्ताओं को विशेष रूप से 7 दिनों के भीतर अपनी प्रतिक्रिया दाखिल करने की अनुमति दी गई है. केंद्र और राज्य सरकारों तथा वक्फ बोर्ड को भी 7 दिनों के भीतर अपनी प्रतिक्रिया दाखिल करने का निर्देश दिया गया है.
सुनवाई के दौरान, सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि केंद्र सरकार 7 दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल करेगी और यह भी आश्वासन दिया कि धारा 9 और 14 के तहत परिषद और बोर्ड में कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी.
अगली सुनवाई तक, पहले से पंजीकृत या अधिसूचना द्वारा घोषित वक्फ, चाहे वह किसी भी उपयोगकर्ता द्वारा हो, को न तो अधिसूचना से हटाया जाएगा और न ही कलेक्टर इसमें कोई बदलाव करेगा.
कोर्ट ने केंद्र सरकार का यह बयान रिकॉर्ड पर ले लिया है.
यह एक अंतरिम आदेश है, और मामले की अगली सुनवाई में अंतिम फैसला आएगा.
कोर्ट ने अपने आदेश में दर्ज किया
SG तुषार मेहता ने कोर्ट को आश्वासन दिया,
- फिलहाल वक़्फ़ बोर्ड और काउंसिल में कोई नियुक्ति नहीं होगी.
- 1995 के वक़्फ़ कानून की तहत रजिस्टर्ड वक़्फ़ प्रॉपर्टी को डिनोटिफाइ नहीं करेंगे.
कोर्ट ने अपने आदेश में इस आश्वासन को रिकॉर्ड पर लिया.
कोर्ट ने अपने आदेश में दर्ज किया कि SG तुषार मेहता ने कोर्ट को आश्वासन दिया, फिलहाल वक़्फ़ बोर्ड और काउंसिल में कोई नियुक्ति नहीं होगी.
1995 के वक़्फ़ कानून की तहत रजिस्टर्ड वक़्फ़ प्रॉपर्टी को डिनोटिफाइ नहीं करेंगे। कोर्ट ने अपने आदेश में इस आश्वासन को रिकॉर्ड पर लिया.
SC ने SG तुषार मेहता से पूछा है कि क्या आप इस बात पर सहमत है कि फिलहाल वक़्फ़ बोर्ड और काउंसिल में कोई नियुक्ति नहीं होगी.
SC ने SG तुषार मेहता से पूछा कि क्या आप आश्वासन दे सकते हैं कि 1995 के वक़्फ़ कानून की तहत रजिस्टर्ड वक़्फ़ प्रॉपर्टी को डिनोटिफाइ नहीं करेंगे.
Waqf Act में बहुत सारी अच्छी बातें है: CJI Sanjiv Khanna
SG मेहता -मैं 1 हफ्ते का समय चाहता हूं कोर्ट के सामने पूरी स्थिति साफ करने के लिए. सरकार को इसके लिए वक़्त देना चाहिए,
चीफ जस्टिस- हम पहले भी कह चुके है कि इस कानून में कुछ अच्छी चीजें है. हम पूरी तरह से क़ानून पर रोक नहीं लगा रहे, पर हम ये भी चाहते है कि अभी की यथास्थिति में बदलाव न हो.
SG मेहता ने कहा कि कोर्ट अगर कानून के कुछ प्रावधानों पर रोक लगाता है तो ये बहुत कड़ा निर्णय होगा. मैं 1 हफ्ते का समय चाहता हूं कोर्ट के सामने पूरी स्थिति साफ करने के लिए, सरकार को इसके लिए वक़्त देना चाहिए.
SG तुषार मेहता सरकार की ओर से दलील रख रहे है.
SG तुषार मेहता- कोर्ट इस कानून पर जिस तरह से रोक लगाने पर विचार कर रहा है, ऐसा बहुत दुर्लभ है( ऐसा आमतौर पर नहीं होता है)
SG मेहता -पूरे के पूरे गाँव को वक़्फ घोषित किया गया है. लोगों की निजी प्रॉपटी को वक़्फ़ घोषित किया गया है. कानून पर ऐसे, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर रोक नहीं लगनी चाहिए. ये लोगो के ज़मीन के अधिकार से जुड़ा मसला है.
केन्द्र सरकार देगी हलफनामा, सुप्रीम कोर्ट अंतरिम आदेश देने के पहलु पर करेगी विचार
बीते दिन सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अंतरिम आदेश पास करने ही वाला था, लेकिन सरकार की ओर से SG तुषार मेहता और दूसरे वकीलों के अनुरोध पर कोर्ट ने ऐसा नहीं किया और सुनवाई कल के लिए टाल दी. अब कोर्ट इस मामले में आज फिर से जिरह सुनेगा.