बिना वैधानिक मंजूरी के इनपुट टैक्स क्रेडिट रेट को कम नहीं किया जा सकता, पंजाब वैट नियम पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला
Punjab Value Added Tax Rules, 2005: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि पंजाब वैट नियम 21(8), जो 25 जनवरी 2014 को अधिसूचित किया गया था, को 1 अप्रैल 2014 से पहले के लेनदेन पर लागू नहीं किया जा सकता. यह निर्णय उन व्यवसायों के लिए महत्वपूर्ण है जिन्होंने इस तारीख से पहले उच्च कर दर पर सामान खरीदे थे. यह निर्णय यह सुनिश्चित करता है कि ऐसे व्यवसायों को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा करने में कोई बाधा नहीं आएगी, भले ही कर दर (Tax Rate) बाद में कम कर दी गई हो. अदालत ने यह भी कहा कि ITC का अधिकार खरीद के समय उत्पन्न होता है और इसे बिना स्पष्ट वैधानिक प्रावधान के पूर्वव्यापी रूप से कम नहीं किया जा सकता. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार की याचिका खारिज करते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले को बरकार रखा है. आइये जानते हैं पूरा मामला...
बिना वैधानिक मंजूरी के ITC कम नहीं होगा
जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्जल भुंइयां की पीठ के समक्ष यह मुद्दा था कि क्या 25 जनवरी 2014 से 1 अप्रैल 2014 के बीच नियम 21(8) की वैधता थी. अदालत ने यह स्पष्ट किया कि यदि ITC में कमी की जाती है, तो इसके लिए आवश्यक वैधानिक स्वीकृति होनी चाहिए.
अदालत ने कहा,
Also Read
- 'वोटर लिस्ट से बाहर हुए नामों को सार्वजनिक करें', सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को दिया अहम आदेश
- आवारा कुत्तों पर SC सख्त, कहा- 'समस्या की वजह अधिकारियों की निष्क्रियता', पुराने आदेश पर रोक की मांग पर फैसला रखा सुरक्षित
- बिहार वोटर लिस्ट रिवीजन पर SC में तीखी बहस, कहा- 'मुद्दा आपसी विश्वास की कमी’ से उपजा, जानें क्या कुछ हुआ
"इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ कानून से जुड़ा हुआ है. यदि इसे कम किया जाता है, तो यह लाभार्थी पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा और इसके लिए वैधानिक स्वीकृति आवश्यक है."
हालांकि, अदालत ने यह माना कि 1 अप्रैल 2014 से पहले इस नियम का कोई वैधानिक समर्थन नहीं था. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि नियम 21(8) को पूर्वव्यापी रूप से लागू किया गया, तो इससे व्यवसायों को गंभीर वित्तीय हानि हो सकती है.
क्या है पूरा मामला?
पंजाब वैट अधिनियम, 2005 (Punjab VAT Act, 2005) की धारा 13(1) में संशोधन ने ITC के प्रावधान को बदल दिया. पहले, ITC तब उपलब्ध था जब सामान बिक्री के लिए या निर्माण के लिए खरीदे जाते थे. संशोधन के बाद, ITC केवल तभी दावा किया जा सकता है जब सामान वास्तव में बेचा या उपयोग किया गया हो. व्यवसायियों ने इस फैसले को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी. हाई कोर्ट ने कहा कि नियम 21(8) को लागू करने के लिए पंजाब वैट अधिनियम में कोई प्रावधान नहीं है. नियम 21(8) के अनुसार, यदि किसी विशेष वस्तु पर कर की दर कम की जाती है, तो उस वस्तु के स्टॉक में मौजूद इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) केवल कम की गई दर पर ही मान्य होगा. यह नियम उन व्यवसायों के लिए एक चुनौती बन गया था जिन्होंने पहले उच्च कर दर पर सामान खरीदा था. इसे आधार बनाते हुए हाई कोर्ट ने व्यवसायियों के पक्ष में फैसला सुनाया. पंजाब सरकार ने इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, यह तर्क करते हुए कि चूंकि ITC का संबंध आउटपुट टैक्स से है, इसलिए कर की दर में परिवर्तन ITC को भी प्रभावित करना चाहिए. सरकार ने यह भी कहा कि सरकार को पंजाब वैट अधिनियम की धारा 70(2) के तहत पूर्वव्यापी नियम बनाने का अधिकार है.