जेल में बैठकर भी चुनाव लड़ सकते हैं... ताहिर हुसैन की जमानत याचिका टालते हुए SC की अहम टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत पर याचिका पर सुनवाई कल के लिए टाल दी है. मामले को सुनवाई के लिए आखिर में लाया गया था, बेंच उठने को थी. फिर भी उठने से पहले जस्टिस पंकज मित्तल ने कहा कि आजकल जेल में रहकर चुनाव लड़ना आसान हो गया है. जस्टिस ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ऐसे सभी लोगो के चुनाव लड़ने पर रोक होनी चाहिए. एआईएमआईएम (AIMIM) के मुस्तफाबाद सीट से उम्मीदवार ताहिर हुसैन ने चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम ज़मानत की मांग की है. आज समय की कमी के चलते सुनवाई नहीं हो पाई.
ताहिर हुसैन की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ के सामने सुनवाई के लिए लाई गई. इस पर पूर्व आप पार्षद की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि हुसैन का मामला अलग है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले को कल सुनेगी.
इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने चुनाव लड़ने के लिए 14 जनवरी से नौ फरवरी तक अंतरिम जमानत की हुसैन की याचिका को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि उनके खिलाफ आरोपों की गंभीरता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह हिंसा मामले में मुख्य अपराधी हैं, जिसके कारण कई लोगों की मौत हो गई. अदालत ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि वह पूर्व पार्षद थे, उन्हें अंतरिम जमानत का हकदार नहीं माना जा सकता.
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दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि दंगों के सिलसिले में उसके खिलाफ 11 प्राथमिकी दर्ज की गई थीं और वह संबंधित धनशोधन मामले और यूएपीए मामले में हिरासत में है. अदालत ने आदेश दिया कि आरोपों की प्रकृति और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, ताहिर हुसैन को नामांकन पत्र दाखिल करने के संबंध में औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कस्टडी पैरोल’ दी.